PM मोदी 8 दिनों में 5 देशों का दौरा करेंगे :- घाना, त्रिनिदाद, अर्जेंटीना, ब्राज़ील और नामीबिया यात्रा के दौरान भारत ने वैश्विक दक्षिण में डिजिटल, रक्षा और ऊर्जा सहयोग बढ़ाया।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 जुलाई से 9 जुलाई 2025 तक अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के पांच प्रमुख देशों—घाना, त्रिनिदाद एवं टोबैगो, अर्जेंटीना, ब्राज़ील और नामीबिया—की ऐतिहासिक यात्रा पर हैं। यह दौरा न केवल भारत की “ग्लोबल साउथ” (वैश्विक दक्षिण) में भूमिका को मज़बूत करता है, बल्कि कूटनीतिक, आर्थिक, स्वास्थ्य और डिजिटल क्षेत्रों में गहराई से सहयोग बढ़ाने का एक अनूठा अवसर है। इस लेख में हम प्रधानमंत्री की इस यात्रा का विस्तार से विश्लेषण करेंगे।
PM मोदी 8 दिनों में 5 देशों का दौरा करेंगे :- यात्रा का उद्देश्य
PM modi foreign visit : प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा भारत के “वसुधैव कुटुंबकम्” दृष्टिकोण का विस्तार है, जिसमें ग्लोबल साउथ देशों के साथ मजबूत संबंध स्थापित करना प्राथमिकता है। इस यात्रा का उद्देश्य है:
वैश्विक मंचों पर भारत के प्रभाव को सशक्त करना।
डिजिटल भुगतान प्रणाली जैसे UPI को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लागू करना।
हेल्थकेयर, खनिज, रक्षा, और कृषि में सहयोग बढ़ाना।
प्रवासी भारतीयों से जुड़ाव को और मज़बूत करना।
यात्रा कार्यक्रम और प्रमुख पड़ाव :- PM मोदी 8 दिनों में 5 देशों का दौरा करेंगे
PM modi foreign visit
घाना (2–3 जुलाई) ;
इतिहास में पहली बार प्रधानमंत्री स्तर की यात्रा।
राष्ट्रपति जॉन महामा से रक्षा, स्वास्थ्य, ऊर्जा और कृषि क्षेत्र में समझौते।
भारत घाना में एक वैक्सीन मैन्युफैक्चरिंग हब स्थापित करेगा।
डिजिटल क्षेत्र में सहयोग पर सहमति, जैसे डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर और ई-गवर्नेंस।
प्रधानमंत्री ने घाना की संसद को संबोधित किया और प्रवासी भारतीयों से संवाद किया।
त्रिनिदाद और टोबैगो (3–4 जुलाई) :-
1999 के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली द्विपक्षीय यात्रा।
राष्ट्रपति क्रिस्टीन कंगालू और प्रधानमंत्री बिसेस्सर से मुलाकात।
पीएम मोदी त्रिनिदाद की संसद को संबोधित करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री बने।
पर्यटन, आईटी, और सांस्कृतिक क्षेत्रों में नई साझेदारियाँ स्थापित हुईं।
इंडो-कैरिबियन संस्कृति और साझा विरासत को लेकर भावनात्मक भाषण।
अर्जेंटीना (4–5 जुलाई) :-
राष्ट्रपति जावियर माइलई के साथ द्विपक्षीय वार्ता।
लिथियम और अन्य दुर्लभ खनिजों में साझेदारी को लेकर महत्वपूर्ण समझौते।
कृषि, फार्मास्यूटिकल्स, रक्षा, और फूड प्रोसेसिंग में सहयोग पर जोर।
भारत-अर्जेंटीना बिज़नेस समिट का आयोजन किया गया।
ब्राज़ील (5–8 जुलाई)
17वां BRICS शिखर सम्मेलन (6–7 जुलाई, रियो)।
सम्मेलन में बहुपक्षीय सहयोग, आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन, स्वास्थ्य, और AI जैसे मुद्दों पर चर्चा।
प्रधानमंत्री ने ब्राज़ील के राष्ट्रपति लूला डा सिल्वा से द्विपक्षीय बैठक की।
ऊर्जा, रक्षा, विज्ञान और तकनीक, डिजिटल भुगतान, और व्यापार को लेकर सहयोग बढ़ाने पर सहमति।
BRICS घोषणा पत्र में भारत के आतंकवाद विरोधी रुख को समर्थन मिला।
नामीबिया (9 जुलाई)
1998 के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा।
राष्ट्रपति नेतुम्बो नांडी-नदाइत्वाह से मुलाकात।
संसद को संबोधित किया गया, और भारत के स्वतंत्रता संघर्ष में नामीबिया के समर्थन को याद किया गया।
UPI डिजिटल पेमेंट्स प्लेटफॉर्म की शुरुआत की घोषणा की गई।
प्रमुख विषय और रणनीतिक परिणाम
1. वैश्विक दक्षिण में भारत का नेतृत्व
यह यात्रा भारत को ग्लोबल साउथ का स्वाभाविक नेता बनने की दिशा में आगे बढ़ाती है। प्रधानमंत्री ने अपनी प्रत्येक यात्रा में विकासशील देशों की ज़रूरतों, संघर्षों और संभावनाओं को प्रमुखता दी।
2. आतंकवाद और वैश्विक सुरक्षा
BRICS शिखर सम्मेलन में भारत के कश्मीर के पहलगाम हमले को लेकर आतंकवाद के मुद्दे पर ज़ोरदार पक्ष को समर्थन मिला। कई देशों ने आतंकवाद की स्पष्ट निंदा की और भारत के साथ सहयोग का भरोसा जताया।
3. डिजिटल कूटनीति
UPI और डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर लाने की भारत की रणनीति सफल रही। नामीबिया, घाना जैसे देशों में UPI लागू करने का संकल्प लिया गया। इससे भारत वैश्विक डिजिटल नेतृत्व की दिशा में बढ़ेगा।
4. ऊर्जा और खनिज सहयोग
अर्जेंटीना और ब्राज़ील जैसे देशों से लिथियम, कोबाल्ट जैसे दुर्लभ खनिजों में साझेदारी के समझौते हुए। यह भारत की ऊर्जा जरूरतों और इलेक्ट्रिक व्हीकल मैन्युफैक्चरिंग में बड़ी भूमिका निभाएगा।
5. स्वास्थ्य और वैक्सीन डिप्लोमेसी
भारत ने घाना में एक वैक्सीन उत्पादन केंद्र स्थापित करने की घोषणा की, जिससे अफ्रीका में हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को समर्थन मिलेगा। यह कोविड के बाद भारत की वैश्विक हेल्थ लीडरशिप को दोहराता है।
6. प्रवासी भारतीयों से जुड़ाव
पीएम मोदी ने तीन देशों—घाना, त्रिनिदाद और ब्राज़ील—में भारतीय प्रवासी समुदाय को संबोधित किया। उन्होंने भारत की वैश्विक पहचान में उनके योगदान को सराहा और भारत से उनके संबंधों को और मजबूत करने का आह्वान किया।
PM मोदी 8 दिनों में 5 देशों का दौरा करेंगे – भारत की वैश्विक रणनीति का एक ऐतिहासिक अध्याय है। यह दौरा केवल राजनीतिक और आर्थिक दृष्टिकोण से नहीं, बल्कि सांस्कृतिक, तकनीकी, और मानवीय जुड़ाव के दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण रहा।
भारत अब एक सॉफ्ट पावर ही नहीं, बल्कि वैश्विक विकास और स्थिरता में योगदान देने वाला एक निर्णायक भागीदार बनकर उभर रहा है। यह यात्रा इसी दिशा में एक ठोस कदम है।
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