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NISAR Satellite Mission: NASA-ISRO $1.5 बिलियन PROJECT पृथ्वी निगरानी का भविष्य

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NISAR Satellite Mission (NASA-ISRO Synthetic Aperture Radar)”NASA और ISRO ने मिलकर लॉन्च किया $1.5 बिलियन का NISAR satellite। जानिए इसके मिशन, तकनीकी विवरण, लॉन्च प्लान और पर्यावरणीय महत्व की पूरी जानकारी इस ब्लॉग में।”

NISAR Satellite Mission

“NASA और ISRO ने मिलकर लॉन्च किया $1.5 बिलियन का NISAR satellite। जानिए इसके मिशन, तकनीकी विवरण, लॉन्च प्लान और पर्यावरणीय महत्व की पूरी जानकारी इस ब्लॉग में।”


परिचय: क्या है NISAR Satellite Mission ?

NISAR (NASA-ISRO Synthetic Aperture Radar) एक अंतरराष्ट्रीय सहयोग है जो पृथ्वी की बदलती सतहों का विस्तृत और अत्याधुनिक निरीक्षण करेगा। यह सैटेलाइट मिशन भारत की अंतरिक्ष एजेंसी ISRO और अमेरिका की NASA द्वारा संयुक्त रूप से लॉन्च किया गया है। इसकी अनुमानित लागत $1.5 बिलियन है और यह अब तक का सबसे महंगा पृथ्वी अवलोकन मिशन माना जा रहा है।


NISAR Satellite Mission : मुख्य विशेषताएँ

विशेषता विवरण

मिशन का नाम NISAR (NASA-ISRO SAR)
लॉन्च स्थान सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, श्रीहरिकोटा
लॉन्च तारीख जून 2025
कुल लागत $1.5 बिलियन (₹12,000 करोड़ के लगभग)
सहयोग NASA (USA) + ISRO (India)
उद्देश्य पृथ्वी की सतह में होने वाले बदलावों की निगरानी

NISAR Satellite Mission

क्यों है यह मिशन खास?

NISAR Satellite Mission :यह पहला ऐसा रडार सैटेलाइट है जिसमें दो अलग-अलग frequency bands (L-band और S-band) का उपयोग किया जाएगा।

इससे भूगर्भीय गतिविधियों जैसे भूकंप, ज्वालामुखी, हिमखंडों की पिघलन, और जंगलों की कटाई का वास्तविक समय में डेटा मिलेगा।

इससे भारत और दुनिया को आपदा प्रबंधन, कृषि योजना, और जलवायु परिवर्तन से लड़ने में मदद मिलेगी।


तकनीकी विवरण

NISAR Satellite Mission : L-Band Radar: NASA द्वारा विकसित, गहराई तक की जानकारी देता है।

S-Band Radar: ISRO द्वारा निर्मित, सतह की बारीकियों को समझता है।

Weight: लगभग 2800 किलोग्राम

Orbit: Low Earth Orbit (LEO)

Repeat Cycle: हर 12 दिनों में पृथ्वी के हर स्थान से दोबारा गुजरेगा।

NISAR Satellite Mission

ISRO और NASA की साझेदारी

NISAR Satellite Mission :यह पहली बार है जब NASA और ISRO ने इतनी बड़ी साझेदारी की है किसी civilian satellite मिशन पर।

NASA ने मिशन में radar systems, high-speed data communication, और antenna technology दी है।

ISRO ने इसरो सैटेलाइट बस, लॉन्च व्हीकल (GSLV Mk II), और डेटा स्टोरेज सिस्टम विकसित किया है।


मिशन के प्रमुख उद्देश्य

  1. भूकंप और टेक्टोनिक गतिविधियाँ: भारत के हिमालयी क्षेत्रों में विशेष निगरानी।
  2. ग्लेशियर और बर्फबारी: ग्लोबल वॉर्मिंग के प्रभावों की निगरानी।
  3. जंगलों की कटाई: Amazon से Sundarbans तक वन क्षेत्र ट्रैकिंग।
  4. खेती-बाड़ी पर प्रभाव: मिट्टी की नमी और फसल की स्थिति।
  5. तटीय क्षरण और बाढ़: समुद्री स्तर के बदलाव का रिकॉर्ड।

प्रमुख नेतृत्वकर्ता

NISAR Satellite Mission :

Dr. Paul A. Rosen – Project Scientist, NASA‑JPL

सेवानिवृत्त JPL Fellow और Senior Research Scientist
35 साल से अधिक रडार रिमोट सेंसिंग में विशेषज्ञता
Shuttle Radar Topography Mission जैसे मिशनों के लिए NASA medals प्राप्तकर्ता 
Dr. P. Veeramuthuvel – Indian Mission Coordinator, ISRO
Chandrayaan‑3 परियोजना निदेशक भी रह चुके हैं
ISRO में जुड़ने से पहले Hindustan Aeronautics में कार्यरत
ISRO में मिशन प्लानिंग और क्रियान्वयन के लिए जिम्मेदार 

Project Team (NASA–JPL)

Bobak Ferdowsi – Payload Manager
Scott Shaffer – Lead Radar System Engineer
Yuhsyen Shen – Chief Engineer
Michael Lisano – Project Manager
(ये सभी सदस्य JPL वेबसाइट पर “Project Team” सेक्शन में सूचीबद्ध हैं) 
NISAR Satellite Mission

Science Team (NASA‑JPL)

Gerald Bawden – NASA Program Scientist

Cathleen Jones – Applications Lead

Ian Joughin – Cryosphere Lead
(ये वैज्ञानिक मिशन के विभिन्न विज्ञान अभियानों जैसे cryosphere, solid earth, ecosystems आदि के लिए जिम्मेवार) 


Earth-Science Algorithm & Data Experts

Dr. Narendra N. Das (Michigan State University) – Soil moisture algorithm development; NISAR science team के सदस्य 


ISRO साइड (Scientists & Engineers)

ISRO की ओर से शुरुआती चरण में मुख्य योगदान देने वाले वैज्ञानिक:

Tapan Misra, Manab Chakraborty, Raj Kumar, Anup Das, Sandip Oza – Space Applications Centre (SAC), अहमदाबाद; उन्होंने NISAR के ISRO-लंबित विज्ञान आवश्यकताओं को परिभाषित किया। 

इनकी भूमिका मिशन डेटा उपयोगकर्ताओं की तैयारी (Cal/Val कार्य योजनाएँ), radar phenomenology, cryosphere/ecosystems/agriculture पर आधारित थी।


Infrastructure & Data Systems

NISAR Satellite Mission :

JPL Science Data System Team – Mission के raw-to-processed (L0–L2) डेटा जनरेशन के लिए जिम्मेदार 

NISAR Cal/Val Team – Calibration/Validation फील्ड अभियानों का संचालन, संगठित वैज्ञानिक & तकनीकी गतिविधियाँ।

NISAR Satellite Mission

अन्य प्रमुख योगदानकर्ता

Akshata Krishnamurthy – NASA-JPL की Principal Investigator; NISAR में Science Phase Lead; भारतीय मूल की अंतरिक्ष प्रणाली इंजीनियऱ 

साथ ही अन्य NASA एवं ISRO वैज्ञानिक, radar/instrumentation engineers, calibration, ground data systems और user-engagement specialists शामिल हैं – जैसे Nigar Shaji, P. Sreekumar आदि जिन्होंने पिछले मिशनों के माध्यम से मिशन लीडरशिप भी संभाली है 


विस्तृत टीम संरचना

Mission Science Leads Paul Rosen (NASA), P Veeramuthuvel (ISRO) पूरे मिशन के वैज्ञानिक दृष्टिकोण और समन्वय
Project Engineers Ferdowsi, Shaffer, Shen आदि Payload, radar system, mission integration
Science Discipline Leads Bawden, Jones, Joughin ठोस धरती, cryosphere, ecosystem अध्ययन
Algorithm/Data Specialists Das, Krishnamurthy आदि Data processing, soil moisture, calibration
Cal/Val & SDS Team ISRO & NASA technical staff मिशन डेटा सटीकता सुनिश्चित करना
Ground Systems Engineers JPL & ISRO कार्यालय Ground-station नेटवर्क, DCS, data distribution

वैश्विक प्रभाव

यह मिशन केवल भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए उपयोगी है।

इससे वैश्विक जलवायु नीति, आपदा प्रबंधन और टिकाऊ विकास में मदद मिलेगी।

अमेरिका इसे अपने climate change initiatives के तहत उपयोग करेगा।


किसने क्या किया?

NISAR Satellite Mission :एजेंसी ज़िम्मेदारी

NASA L-band radar, antenna boom, electronics
ISRO S-band radar, satellite structure, GSLV Mk II launcher


लॉन्च की तैयारी

NISAR Satellite Mission :

लॉन्च की तैयारी पूरी हो चुकी है और इसे जून 2025 में श्रीहरिकोटा से GSLV के माध्यम से लॉन्च किया जाएगा।

लॉन्च के बाद यह सैटेलाइट Low Earth Orbit (LEO) में स्थापित किया जाएगा।


FAQ

NISAR Satellite Mission क्या है?

उत्तर: यह NASA और ISRO का संयुक्त रडार सैटेलाइट है जो पृथ्वी की सतह में हो रहे परिवर्तनों की निगरानी करेगा।

NISAR किसे लॉन्च करेगा?

उत्तर: इसे भारत की अंतरिक्ष एजेंसी ISRO द्वारा GSLV रॉकेट से लॉन्च किया जाएगा।

NISAR से क्या फायदा होगा?

उत्तर: यह भूकंप, ग्लेशियर, वन कटाई, और कृषि से जुड़े डाटा प्रदान करेगा जो आपदा प्रबंधन और पर्यावरण नीति में मदद करेगा।



विज्ञान और सहयोग का नया युग

NISAR मिशन सिर्फ एक वैज्ञानिक कदम नहीं है, बल्कि यह भारत और अमेरिका की साझेदारी का प्रतीक है। यह पृथ्वी के भविष्य को समझने का एक क्रांतिकारी उपकरण साबित होगा। जलवायु संकट और प्राकृतिक आपदाओं से लड़ने के लिए NISAR हमारे पास एक बड़ा हथियार हो सकता है।


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Author

  • A.P.S Jhala

    मैं A.P.S JHALA, "Kahani Nights" का लेखक, हॉरर रिसर्चर और सच्चे अपराध का कहानीकार हूं। मेरा मिशन है लोगों को गहराई से रिसर्च की गई डरावनी और सच्ची घटनाएं बताना — ऐसी कहानियां जो सिर्फ पढ़ी नहीं जातीं, महसूस की जाती हैं। साथ ही हम इस ब्लॉग पर करंट न्यूज़ भी शेयर करेंगे ताकि आप स्टोरीज के साथ साथ देश विदेश की खबरों के साथ अपडेट रह सके। लेखक की लेखनी में आपको मिलेगा सच और डर का अनोखा मिश्रण। ताकि आप एक रियल हॉरर एक्सपीरियंस पा सकें।

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