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गोवा की आत्मा ‘काजू फेणी’: एक परंपरा जो नशा नहीं, संस्कृति रचती है

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Kaju Feni Goa : यह कहानी सिर्फ एक शराब की नहीं, बल्कि मेहनत, परंपरा, और गोवा की सांस्कृतिक गहराई की कहानी है।


Kaju Feni Goa : एक परंपरा जो नशा नहीं, संस्कृति रचती है

जब कोई गोवा का नाम लेता है, तो ज़हन में समुद्र की लहरें, रंगीन त्योहार, और मज़ेदार संगीत गूंजने लगता है। लेकिन गोवा की आत्मा बस समुद्र किनारे नहीं बहती — वह बहती है काजू के फलों में, मिट्टी की खुशबू में, और एक खास पारंपरिक शराब में — जिसका नाम है “काजू फेणी” (Cashew Feni)।


कहानी की शुरुआत: काजू का गोवा से रिश्ता

काजू भारत में मूल रूप से नहीं था। इसे 16वीं सदी में पुर्तगालियों ने ब्राज़ील से गोवा लाया था। यहां की जलवायु और मिट्टी ने इसे अपनाया और कुछ ही दशकों में काजू गोवा की पहचान बन गया।

काजू फेणी की शुरुआत भी पुर्तगाली शासन काल में हुई, जब ग्रामीणों ने देखा कि काजू फल (cashew apple) से एक तीव्र सुगंधित रस निकलता है जिसे सहेजा जा सकता है।


Kaju Feni बनाने का तरीका

🍎 चरण 1: काजू फलों की तुड़ाई (Harvesting Cashew Apples)

मार्च से मई के बीच, गोवा की पहाड़ियों और खेतों में काजू के पेड़ फलने लगते हैं।
हर फल के साथ जुड़ा होता है काजू का बीज — जिसे अलग कर लिया जाता है।

बीज को सुखाया जाता है और बाद में काजू नट के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।

बाकी बचा cashew apple — सुनहरा, रसदार और सुगंधित — फेणी बनाने के लिए ले लिया जाता है।


🥤 चरण 2: रस निकालना (Juice Extraction by Foot Pressing)

गोवा की पारंपरिक पद्धति में cashew apples को नंगे पैर दबाकर रस निकाला जाता है।
इस प्रक्रिया को ‘कोलसो’ कहा जाता है — एक विशेष गड्ढे या लकड़ी के फ्रेम में फल डाले जाते हैं और पैरों से कुचले जाते हैं।

इस रस को पहली बार में जो निकाला जाता है, उसे नीरफ कहते हैं — यही फेणी के लिए सर्वोत्तम माना जाता है।

दूसरा या तीसरा दबाव जो होता है, वह हल्का होता है और उससे बनाई जाती है ‘उर्राक’ (Urrak) — गोवा की एक हल्की लोकल ड्रिंक।


🧪 चरण 3: किण्वन (Natural Fermentation)

रस को बड़े-बड़े मिट्टी के बर्तनों या प्लास्टिक कंटेनरों में डाला जाता है और 3–5 दिनों तक खुली हवा में रख दिया जाता है।

इस दौरान किसी बाहरी यीस्ट या केमिकल का इस्तेमाल नहीं होता।

नेचुरल यीस्ट और समय ही इसका स्वाद तय करते हैं।

यही परंपरागत और जैविक तरीका फेणी को खास बनाता है।


🔥 चरण 4: आसवन (Distillation in Bhann)

Kaju Feni Goa

किण्वित रस को अब ‘भान्न’ (Bhann) नाम की पारंपरिक तांबे की भट्टी में डाला जाता है।
यहाँ से असली रसायन विद्या शुरू होती है।

रस को धीरे-धीरे गर्म किया जाता है।

वाष्प बनकर ऊपर उठता है और एक पाइप से ठंडा होकर लिक्विड फॉर्म में इकट्ठा होता है।

👉 यह प्रक्रिया 3 बार तक दोहराई जाती है, और तीसरे डिस्टिलेशन से जो निकले — वही होती है शुद्ध काजू फेणी।


🏺 चरण 5: स्टोरेज और परंपरा

फेणी को मिट्टी के घड़ों या कांच की बोतलों में स्टोर किया जाता है।

कुछ लोग इसे नीम की पत्तियों के साथ भी स्टोर करते हैं ताकि इसमें एंटीबैक्टीरियल गुण भी आएं।

साल भर की उम्रदराज़ फेणी को अधिक सुगंधित और शक्तिशाली माना जाता है।


🍹 फेणी को कैसे पिया जाता है?

गोवा में फेणी सिर्फ नशे के लिए नहीं, बल्कि मेहमाननवाज़ी और औषधीय गुणों के लिए भी जानी जाती है।

पीने के लोकप्रिय तरीके:

  1. Feni + Soda + Ice + Lime
  2. Feni Shots with Salted Rim
  3. Traditional Urrak Cocktail with Limca

लोकल लोग सर्दी, बुखार या अपच में भी फेणी का इस्तेमाल करते हैं।


Geographical Indication (GI Tag) और कानूनी पहचान

2009 में भारत सरकार ने Feni को GI टैग प्रदान किया — यानी अब फेणी को केवल Goa की उत्पादित शराब ही माना जाएगा।

यह भारत की पहली देशी शराब है जिसे GI टैग मिला।

अब इसे “Heritage Spirit of Goa” के रूप में प्रमोट किया जा रहा है।


Goa में फेणी का सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व

त्योहारों, शादियों, और गांव के मेले फेणी के बिना अधूरे माने जाते हैं।

गोवा के लोकगीतों, संगीत और नृत्य में भी इसका ज़िक्र आता है।

बहुत से ग्रामीण परिवार आज भी पीढ़ी दर पीढ़ी फेणी बनाने की परंपरा निभा रहे हैं।


फेणी यात्रा: एक अनुभव, एक विरासत

Kaju Feni Goa – आज फेणी सिर्फ गोवा तक सीमित नहीं रही।

कई इंटरनेशनल बार्स और स्पिरिट ब्रांड्स इसे अपने मेन्यू में शामिल कर रहे हैं।

गोवा सरकार इसे एक कला, संस्कृति, और सस्टेनेबल उद्योग के रूप में बढ़ावा दे रही है।


निष्कर्ष: फेणी — नशा नहीं, संस्कृति का स्वाद

काजू फेणी पीना सिर्फ एक पेय का सेवन नहीं, बल्कि Goa की आत्मा का सम्मान करना है।
जब आप अगली बार गोवा जाएं, तो एक लोकल गांव की यात्रा करें, फेणी की खुशबू महसूस करें, और जानें कि किस तरह एक फल — मेहनत, परंपरा और समय के संगम से कला में बदल जाता है।


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Author

  • A.P.S Jhala

    मैं A.P.S JHALA, "Kahani Nights" का लेखक, रिसर्चर और सच्चे अपराध का कहानीकार हूं। मेरा मिशन है लोगों को गहराई से रिसर्च की गई डरावनी और सच्ची घटनाएं बताना — ऐसी कहानियां जो सिर्फ पढ़ी नहीं जातीं, महसूस की जाती हैं। साथ ही हम इस ब्लॉग पर करंट न्यूज़ भी शेयर करेंगे ताकि आप स्टोरीज के साथ साथ देश विदेश की खबरों के साथ अपडेट रह सके। लेखक की लेखनी में आपको मिलेगा सच और डर का अनोखा मिश्रण। ताकि आप एक रियल हॉरर एक्सपीरियंस पा सकें।

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