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Iran-Israel war: ईरान का बड़ा हमला: इज़राइल पर 150 मिसाइल और 100 ड्रोन दागे – “True Promise III” का ऐलान

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Iran-Israel war : ईरान ने इज़राइल पर एक बड़ा और संगठित हमला किया। “Operation True Promise III” नाम से चलाए गए इस सैन्य अभियान में ईरान ने 150 से ज्यादा बैलिस्टिक मिसाइलें और 100 से अधिक ड्रोन इज़राइल की ओर भेजे।

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Iran-Israel war: हमले की शुरुआत: “True Promise III” ऑपरेशन के तहत ईरान का प्रतिशोध

तेहरान/यरुशलम – शुक्रवार रात ईरान ने इज़राइल पर एक बड़ा और संगठित हमला किया। “Operation True Promise III” नाम से चलाए गए इस सैन्य अभियान में ईरान ने 150 से ज्यादा बैलिस्टिक मिसाइलें और 100 से अधिक ड्रोन इज़राइल की ओर भेजे। यह हमला सीधे तौर पर 12 जून को इज़राइल द्वारा ईरानी सैन्य और परमाणु प्रतिष्ठानों पर किए गए हमले की जवाबी कार्रवाई मानी जा रही है।


निशाने पर थे सैन्य ठिकाने और एयरबेस

Iran-Israel war :ईरानी मिसाइलों और ड्रोन का मुख्य निशाना इज़राइल के भीतर स्थित सैन्य अड्डे, एयरबेस, और रक्षा अनुसंधान केंद्र थे। हालांकि इज़राइली रक्षा प्रणाली (Iron Dome और David’s Sling) ने कई मिसाइलों और ड्रोन को रास्ते में ही नष्ट कर दिया, लेकिन कुछ हमले इज़राइल की सीमा के अंदर तक पहुंच गए।

इज़राइली सेना के प्रवक्ता के अनुसार:
“हमने 85% से अधिक मिसाइलों और ड्रोन को रास्ते में ही मार गिराया, लेकिन कुछ ने हमारी सीमाओं के अंदर नुकसान पहुँचाया है।”


हताहत और नुकसान का अनुमान

इज़राइल की ओर से:

3 नागरिकों की मौत, लगभग 90 लोग घायल, जिनमें बच्चे और वृद्ध भी शामिल हैं।

कई इमारतों और वाहनों को नुकसान पहुँचा।

एक एयरबेस में आग लग गई जिसे घंटों में काबू किया गया।

ईरान की ओर से (पिछले हमले में):

12 जून को इज़राइल द्वारा किए गए जवाबी हमलों में

78–90 लोगों की मौत,

320 से अधिक घायल हुए थे।

जिनमें शीर्ष वैज्ञानिक और रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के अधिकारी भी शामिल थे।


यह हमला क्यों हुआ? – पृष्ठभूमि जानें

Iran-Israel war :12 जून 2025 को इज़राइल ने “Operation Rising Lion” के तहत तेहरान, इस्फ़हान, और नतांज़ स्थित परमाणु और सैन्य ठिकानों पर हमला किया था। यह हमला ईरान द्वारा लगातार हौथी और हिज़्बुल्लाह जैसे संगठनों को हथियार देने की नीति के विरोध में किया गया था।

इज़राइली पीएम ने कहा था:
“ईरान की आक्रामक नीतियों को जवाब देना हमारी सुरक्षा के लिए जरूरी था।”


अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

संयुक्त राष्ट्र (UN) ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की।

अमेरिका ने इज़राइल को समर्थन देते हुए ईरान की निंदा की।

रूस और चीन ने इसे पश्चिम एशिया में शांति के लिए “गंभीर खतरा” बताया।

भारत ने दोनों पक्षों से “विवेकपूर्ण कूटनीति” अपनाने की अपील की और अपने नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी की।


तेल बाज़ार और वैश्विक असर

Iran-Israel war :हमले के बाद क्रूड ऑयल की कीमतों में 8% तक उछाल आया।

पश्चिम एशिया के सभी अंतरराष्ट्रीय हवाई मार्गों को रूट डायवर्ट कर दिया गया है।

गोल्ड और डॉलर की मांग में अचानक बढ़ोतरी देखी गई।


इज़राइल की प्रतिक्रिया: “हम तैयार हैं”

इज़राइली रक्षा मंत्री ने कहा,

“अगर ईरान ने हमला शुरू किया है, तो उसे परिणाम भुगतने होंगे। हमारी सैन्य ताकत और जनता दोनों तैयार हैं।”

वहीं, इज़राइल ने अपनी Northern और Southern सीमाओं पर विशेष बलों को तैनात कर दिया है और आंतरिक सुरक्षा एजेंसियों को “Red Alert” पर रखा गया है।


Iran-Israel war :संदेह है कि यह संघर्ष जल्द खत्म नहीं होगा।

विशेषज्ञ मानते हैं कि अगले 48 घंटे बेहद संवेदनशील हैं।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक बुलाई गई है।

G20 और OPEC देशों में ऊर्जा सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है।


Iran-Israel war :ईरान और इज़राइल के बीच यह टकराव एक ऐसे मोड़ पर पहुँच चुका है जहाँ केवल सैन्य ताकत नहीं, बल्कि वैश्विक कूटनीति की परीक्षा भी है। इस घटना से यह साफ है कि आने वाले दिन पश्चिम एशिया और पूरी दुनिया के लिए बेहद निर्णायक होंगे।


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Author

  • A.P.S Jhala

    मैं A.P.S JHALA, "Kahani Nights" का लेखक, हॉरर रिसर्चर और सच्चे अपराध का कहानीकार हूं। मेरा मिशन है लोगों को गहराई से रिसर्च की गई डरावनी और सच्ची घटनाएं बताना — ऐसी कहानियां जो सिर्फ पढ़ी नहीं जातीं, महसूस की जाती हैं। साथ ही हम इस ब्लॉग पर करंट न्यूज़ भी शेयर करेंगे ताकि आप स्टोरीज के साथ साथ देश विदेश की खबरों के साथ अपडेट रह सके। लेखक की लेखनी में आपको मिलेगा सच और डर का अनोखा मिश्रण। ताकि आप एक रियल हॉरर एक्सपीरियंस पा सकें।

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