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7 साल की बच्ची की तांत्रिक बलि: मुंगेली नरबलि कांड ने हिला दी इंसानियत”

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human sacrifice rituals- छत्तीसगढ़ के मुंगेली ज़िले में 7 साल की मासूम बच्ची की नरबलि ने पूरे देश को हिला दिया है। दौलत और अंधविश्वास की भूख ने इंसानियत को निगल लिया। पढ़िए पूरी घटना की डिटेल, हर आरोपी की भूमिका और पुलिस की जांच का सच

छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले में नरबलि

“झरन पूजा” के नाम पर ली गई मासूम की जान, पुलिस ने पांच आरोपियों को किया गिरफ्तार

छत्तीसगढ़ के मुंगेली ज़िले के एक छोटे से गांव कोसाबाड़ी में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जिसने पूरे राज्य ही नहीं बल्कि देशभर के लोगों को झकझोर कर रख दिया है। इस घटना में सात साल की एक मासूम बच्ची की निर्मम हत्या की गई। यह हत्या किसी व्यक्तिगत दुश्मनी या आपसी रंजिश का परिणाम नहीं थी, बल्कि अंधविश्वास और तंत्र-मंत्र की अंधी आस्था के तहत एक सुनियोजित नरबलि थी। हैरान करने वाली बात यह है कि इस कांड में शामिल लोग खुद पीड़िता के अपने परिवार के सदस्य थे – उसका भाई, भाभी और उनके कुछ साथी।

यह पूरी घटना अप्रैल 2025 की है, जब बच्ची अचानक लापता हो गई थी और परिवार वालों ने लोरमी थाने में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। बच्ची के गायब होने के लगभग एक महीने बाद गांव के बाहर एक खेत से मानव खोपड़ी और कुछ हड्डियाँ बरामद हुईं, जिससे पुलिस को शक हुआ कि यह कोई गंभीर मामला हो सकता है। आगे की जांच में जो तथ्य सामने आए, वे कल्पना से परे थे। पता चला कि इस मासूम की बलि दी गई थी – वो भी किसी और ने नहीं, बल्कि उसकी अपनी भाभी ने, दौलत पाने की लालसा में।

डीएनए रिपोर्ट ने खोला सच: खेत से मिली हड्डियों की हुई पुष्टि

छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले में नरबलि

छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले में नरबलि – बच्ची की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज होते ही लोरमी पुलिस हरकत में आई। शुरुआती जांच में पुलिस को कुछ खास नहीं मिला, लेकिन गांव वालों की सूचना के आधार पर जब एक खेत में खुदाई कराई गई, तो वहां से जो चीजें निकलीं, वे किसी भी इंसान के होश उड़ा देने के लिए काफी थीं। एक बच्ची की खोपड़ी, कुछ हड्डियाँ और पूजा में प्रयुक्त वस्तुएं उस जगह से बरामद हुईं। पुलिस ने इन सबूतों को जब्त कर फॉरेंसिक लैब भेजा और बच्ची के माता-पिता से डीएनए सैंपल लिए गए।

रायपुर स्थित फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला से आई डीएनए रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि हो गई कि खेत से बरामद हड्डियाँ लापता बच्ची की ही हैं। इस रिपोर्ट ने इस मामले को एक नई दिशा दे दी। इसके बाद पुलिस ने जांच को गंभीरता से लेते हुए एक स्पेशल टीम बनाई और आरोपियों की तलाश शुरू कर दी।

भाभी ने बनाई हत्या की योजना, भाई भी शामिल, दो और साथी गिरफ्तार

मुंगेली नरबलि कांड

छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले में नरबलि – पुलिस द्वारा गहराई से की गई पूछताछ और इलेक्ट्रॉनिक सबूतों की मदद से मामले की परतें धीरे-धीरे खुलती गईं। जांच के दौरान यह सामने आया कि बच्ची की भाभी ऋतु गोस्वामी ने इस हत्या की पूरी योजना बनाई थी। वह तंत्र-मंत्र और काले जादू में विश्वास रखती थी और उसे एक तांत्रिक ने यह यकीन दिलाया था कि यदि वह “झरन पूजा” में मानव बलि देगी, तो उसे अकूत धन, शक्ति और सिद्धियाँ प्राप्त होंगी।

इस योजना को अंजाम देने के लिए ऋतु ने पहले अपने पति चिम्मन गोस्वामी को तैयार किया, जो पहले से ही इन सब बातों में रुचि रखता था। फिर उन्होंने नरेंद्र मार्को नाम के युवक को साथ लिया, जिसने बच्ची को बहला-फुसलाकर घर से बाहर निकाला और खेत तक ले गया। वहीं, आकाश मरावी ने शव को दफनाने में मदद की, जबकि रामरतन निषाद नामक एक तथाकथित “बैगा” ने झरन पूजा और झाड़फूंक की प्रक्रिया को अंजाम दिया।

इन सभी को पुलिस ने हिरासत में लेकर गहन पूछताछ की। शुरुआत में तो सभी मुकरते रहे, लेकिन बाद में जब पुलिस ने सबूतों के साथ दबाव डाला, तो उन्होंने अपना गुनाह कबूल कर लिया।

झरन पूजा काले जादू की वो खौफनाक परंपरा जिसमें दी जाती है इंसानी बलि

छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले में नरबलि – “झरन पूजा” नाम की इस काली और खतरनाक पूजा विधि के बारे में ज्यादातर लोग अनजान हैं। यह पूजा मध्य भारत के कुछ क्षेत्रों में गुप्त रूप से की जाती है, जहां माना जाता है कि यदि किसी विशेष तिथि पर झाड़फूंक, हवन और बलि एक साथ दी जाए, तो साधक को तंत्र-सिद्धि प्राप्त होती है। इसमें अक्सर जानवरों की बलि दी जाती है, लेकिन कुछ अंधे और लालची लोग इंसानों – खासकर बच्चों – को चुनते हैं, क्योंकि उनका मानना होता है कि मासूमों की बलि से शक्ति जल्दी प्राप्त होती है।

इस घटना में भी यही धारणा काम कर रही थी। बच्ची को पूजा के लिए खासतौर पर तैयार किया गया था – उसे काले कपड़े पहनाए गए, उसके शरीर पर पूजा के सिंदूर और काजल के निशान लगाए गए, और फिर एक सुनसान खेत में ले जाकर चाकू से उसका गला रेत दिया गया। उसके बाद शव को उसी खेत में दफन कर दिया गया और पूजा संपन्न की गई

एसआईटी जांच, नार्को टेस्ट और फॉरेंसिक के जरिए पूरा हुआ खुलासा

घटना की गंभीरता को देखते हुए छत्तीसगढ़ पुलिस ने इस मामले में विशेष जांच टीम (SIT) का गठन किया। इस टीम ने आधुनिक तकनीक और पारंपरिक जांच प्रक्रिया – दोनों का इस्तेमाल किया। टीम ने इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस, कॉल डिटेल रिकॉर्ड्स, मोबाइल ट्रैकिंग, नार्को टेस्ट, ब्रेन मैपिंग, पॉलिग्राफ टेस्ट और डीएनए रिपोर्ट जैसे हाईटेक तरीकों से आरोपियों को घेरा।

पुलिस की इस मेहनत का ही नतीजा था कि एक महीने के अंदर ही इस रहस्य से पर्दा उठ गया और पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया।

पीड़ित बच्ची लाली उर्फ महेश्वरी: जिसका गुनाह सिर्फ मासूम होना था

इस पूरे मामले का सबसे दर्दनाक पहलू यह है कि पीड़िता खुद कुछ नहीं जानती थी। लाली, जिसे परिवार प्यार से महेश्वरी बुलाता था, महज़ 7 साल की थी। न उसे झरन पूजा का मतलब पता था, न तांत्रिक सिद्धियों की महत्ता। उसे तो सिर्फ यही समझ में आता था कि उसके अपने लोग उसे प्यार करते हैं। लेकिन उसी भरोसे की आड़ में उसकी जान ले ली गई – और वो भी बिना किसी गलती के, बिना किसी चेतावनी के।

समाज के लिए चेतावनी: लालच और अंधविश्वास की कीमत एक मासूम की ज़िंदगी

छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले में नरबलि – यह मामला सिर्फ एक अपराध नहीं, बल्कि हमारे समाज के लिए एक कड़ी चेतावनी है। जब तक लोग तंत्र-मंत्र और झूठे तांत्रिकों पर विश्वास करते रहेंगे, तब तक ऐसी घटनाएं होती रहेंगी। इस मामले में सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात यह रही कि आरोपी कोई बाहरी तांत्रिक नहीं, बल्कि खुद बच्ची का भाई और भाभी थे – जिन्हें उस बच्ची की रक्षा करनी थी।

अदालत में अब आरोपियों के खिलाफ पुख्ता सबूत

अब पुलिस ने अदालत में पांचों आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है। चार्जशीट में डीएनए रिपोर्ट, गवाहों के बयान, झाड़फूंक के सामान, और आरोपियों के कबूलनामे को शामिल किया गया है। जल्द ही इन सभी के खिलाफ ट्रायल शुरू होने की उम्मीद है। अगर सबूतों के आधार पर उन्हें दोषी पाया गया, तो इन्हें आजीवन कारावास या मृत्यु दंड तक की सज़ा हो सकती है।

निष्कर्ष: क्या ऐसे मामलों से कुछ सीखेगा समाज?

छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले में नरबलि – 7 साल की लाली की बलि ने ये तो दिखा ही दिया है कि इंसान जब लालच में अंधा हो जाए, तो वह अपने ही खून की आहुति देने से भी नहीं चूकता। ऐसे समय में सबसे ज़रूरी है कि समाज जागरूक बने, बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता दे, और अंधविश्वास के खिलाफ एकजुट होकर आवाज़ उठाए।

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Author

  • A.P.S Jhala

    मैं A.P.S JHALA, "Kahani Nights" का लेखक, हॉरर रिसर्चर और सच्चे अपराध का कहानीकार हूं। मेरा मिशन है लोगों को गहराई से रिसर्च की गई डरावनी और सच्ची घटनाएं बताना — ऐसी कहानियां जो सिर्फ पढ़ी नहीं जातीं, महसूस की जाती हैं। साथ ही हम इस ब्लॉग पर करंट न्यूज़ भी शेयर करेंगे ताकि आप स्टोरीज के साथ साथ देश विदेश की खबरों के साथ अपडेट रह सके। लेखक की लेखनी में आपको मिलेगा सच और डर का अनोखा मिश्रण। ताकि आप एक रियल हॉरर एक्सपीरियंस पा सकें।

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