Eleven spelling viral video – छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले से सामने आया चौंकाने वाला मामला। एक सरकारी स्कूल के शिक्षक ‘Eleven’ और ‘Nineteen’ की सही स्पेलिंग तक नहीं लिख पाए। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल, शिक्षा व्यवस्था पर उठे गंभीर सवाल।
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भारत में शिक्षा का सच: वायरल वीडियो से खुली पोल
Eleven spelling mistake viral
Eleven spelling viral video- भारत में शिक्षा को देश के उज्ज्वल भविष्य की नींव माना जाता है। एक ऐसा टूल जो न केवल बच्चों के ज्ञान को आकार देता है, बल्कि समाज के निर्माण में भी अहम भूमिका निभाता है। इस नींव को मजबूत बनाने का कार्य करते हैं स्कूल और उसमें पढ़ाने वाले शिक्षक। लेकिन जब यही शिक्षक खुद ही बुनियादी शिक्षा में असफल साबित हों, तो सोचिए – क्या बच्चों का भविष्य सुरक्षित रह पाएगा?
छत्तीसगढ़ के बलरामपुर ज़िले से सामने आया एक वायरल वीडियो इसी चिंता को जन्म देता है। वीडियो ने सोशल मीडिया पर सनसनी मचा दी है, जिसमें एक सरकारी स्कूल के अंग्रेजी शिक्षक की अक्षमता खुलकर उजागर हुई है।
वायरल हुआ Balrampur Teacher का वीडियो: Eleven की जगह लिखा ‘Aivene’
वीडियो में साफ-साफ देखा जा सकता है कि एक सरकारी स्कूल के अंग्रेजी शिक्षक को निरीक्षण के दौरान ब्लैकबोर्ड पर अंग्रेजी में ‘ग्यारह’ और ‘उन्नीस’ की स्पेलिंग लिखने को कहा गया। जहां बच्चों को ‘eleven’ और ‘nineteen’ सिखाने की उम्मीद थी, वहीं शिक्षक ने चौंकाने वाले तरीके से ‘eleven’ को ‘aivene’ और ‘nineteen’ को ‘ninithin’ लिखा।
इतना ही नहीं, जब उनसे पूछा गया कि क्या यह स्पेलिंग सही है, तो उन्होंने पूरे आत्मविश्वास के साथ ‘हां’ कहा। उन्हें अपनी गलती का एहसास तक नहीं था।
पढ़ाई में फेल ‘गुरुजी’, बच्चों को क्या सिखाएंगे? Eleven spelling viral video
Eleven spelling viral video – टीचर को एक बार नहीं, बार-बार वही गलत स्पेलिंग लिखते और दोहराते हुए देखा गया। जब उनसे छात्रों को यह शब्द समझाने के लिए कहा गया, तब भी वे स्पष्ट नहीं कर पाए कि आखिर सही शब्द क्या है। वीडियो में उनकी असमर्थता और अज्ञानता बखूबी नजर आती है।
ये वही शिक्षक हैं जो पांच वर्षों से स्कूल में मास्टरी कर रहे थे। यह केवल एक व्यक्ति की गलती नहीं है, बल्कि यह पूरे सिस्टम की नींव में छिपी गंभीर खामियों को उजागर करता है।
🔥 सोशल मीडिया पर भड़का गुस्सा: “शिक्षा व्यवस्था गर्त में है”
Eleven spelling viral video – इस वीडियो को ट्विटर (अब X) पर @talk2anuradha नाम की यूजर ने शेयर किया। उन्होंने पोस्ट में लिखा,
“अगर किसी देश को बर्बाद करना हो, तो उसकी शिक्षा व्यवस्था को बर्बाद कर दो। 70-80 हजार की सैलरी लेने वाला टीचर ‘Eleven’ तक सही नहीं लिख पा रहा है। ये बेहद शर्मनाक है।”
इस वीडियो को अब तक 4 लाख से ज्यादा बार देखा जा चुका है और हजारों लोगों ने इस पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया दी है।
यूज़र्स की तीखी प्रतिक्रिया: “ऐसे लोग बच्चों का भविष्य बिगाड़ रहे हैं”
Eleven spelling viral video- लोगों ने इस वीडियो पर नाराजगी जताते हुए कहा कि इस तरह के शिक्षक बच्चों के भविष्य को अंधकार में धकेल रहे हैं।
कई यूज़र्स ने इस शिक्षक की नियुक्ति पर सवाल उठाया और कहा कि इस तरह की नौकरियां अगर सिफारिश, कोटा या राजनीतिक दबाव से दी जाती हैं तो शिक्षा का स्तर गिरना तय है।
👉 एक यूज़र ने लिखा, “ऐसे लोगों को शिक्षक कहना ही शिक्षा का अपमान है। ऐसे टीचरों को तुरंत नौकरी से बर्खास्त किया जाना चाहिए।”
क्या शिक्षा का स्तर इतना गिर चुका है?
Eleven spelling viral video – यह घटना केवल एक शिक्षक की नाकामी नहीं है। यह एक चेतावनी है — एक सिस्टम की, जहां बिना स्किल, योग्यता और आत्मावलोकन के लोगों को शिक्षा जैसे गंभीर क्षेत्र की ज़िम्मेदारी दे दी जाती है।
सरकारी स्कूलों में लाखों बच्चों की नींव ऐसे ही शिक्षकों पर टिकी होती है। जब शिक्षक ही ‘Eleven’ और ‘Nineteen’ नहीं सिखा पाएंगे, तो फिर कैसा बनेगा देश का भविष्य?
अभिभावकों की चिंता: क्या भरोसे के लायक हैं ऐसे स्कूल?
अभिभावकों का मानना है कि वे अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में भेजकर उन्हें मजबूत नींव देना चाहते हैं। लेकिन जब ऐसे शिक्षक पढ़ा रहे हों, जो खुद ही अनपढ़ हों, तो यह चिंता स्वाभाविक है कि उनके बच्चे क्या सीखेंगे?
सरकार को लेनी होगी ज़िम्मेदारी
अब समय आ गया है कि राज्य और केंद्र सरकारें शिक्षा के स्तर पर गंभीरता से ध्यान दें।
👉 शिक्षकों की नियुक्ति केवल योग्यता के आधार पर हो
👉 समय-समय पर रिव्यू और स्किल टेस्ट हो
👉 दोषी पाए जाने पर कार्रवाई भी सख्त हो
बिना इन कदमों के शिक्षा व्यवस्था केवल कागज़ों पर ही सुचारु मानी जाएगी, ज़मीनी स्तर पर नहीं।
निष्कर्ष: यह वीडियो सिर्फ शर्मिंदगी नहीं, चेतावनी है
इस वायरल वीडियो को नजरअंदाज करना अब मुमकिन नहीं है। यह केवल एक व्यक्ति की नाकामी नहीं, बल्कि पूरे तंत्र की असफलता का आइना है। जब शिक्षक ही शिक्षित न हों, तो नई पीढ़ी का निर्माण कैसे होगा?
देश को अगर सशक्त बनाना है, तो सबसे पहले इसकी नींव को मजबूत करना होगा — और वह नींव है “गुणवत्तापूर्ण शिक्षा”।
आप क्या सोचते हैं?
Master nhi likh paye eleven ki spelling
क्या आपको लगता है कि इस तरह के मामलों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए?
क्या शिक्षक की योग्यता की जांच समय-समय पर होनी चाहिए?
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