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Doctor Death: मगरमच्छ को शव खिलाने वाला भारत का सबसे बड़ा सीरियल किलर

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देवेंद्र शर्मा कई हत्या के मामलों में दोषी पाए जा चुके हैं और अपने शिकारों के शव उत्तर प्रदेश की मगरमच्छ-भरी हज़ारा नहर में फेंकने के लिए कुख्यात हैं।

Doctor Death

67 वर्षीय देवेंद्र शर्मा, जिन्हें ‘Doctor Death’ के नाम से भी जाना जाता है, एक बैचलर ऑफ आयुर्वेदिक मेडिसिन धारक अपराधी हैं। वो कई हत्या के मामलों में दोषी पाए जा चुके हैं और अपने शिकारों के शव उत्तर प्रदेश की मगरमच्छ-भरी हज़ारा नहर में फेंकने के लिए कुख्यात हैं। दिल्ली पुलिस के अनुसार, शर्मा टैक्सी और ट्रक चालकों की हत्याओं के मामलों में लिप्त था और 2002-04 के दौरान हुई इन हत्या कांडों में उम्रकैद की सजा सुन चुका है।

Doctor Death : प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

देवेंद्र शर्मा अलिगढ़ (उत्तर प्रदेश) के मूल निवासी हैं। उन्होंने 1984 में बैचलर ऑफ आयुर्वेदिक मेडिसिन (BAMS) की डिग्री हासिल की। इसके बाद लगभग 11 साल तक राजस्थान में अपनी क्लिनिक चलाई। 1994 में केवल 11 लाख रुपये के गैस डीलरशिप निवेश में उन्हें भारी घाटा हुआ। इस वित्तीय नुक्सान के बाद उन्होंने अपराध की राह अपना ली।

गैस घोटाला और अवैध किडनी रैकेट (1995–2004)

Doctor Death :1994 के घाटे के बाद शर्मा ने 1995 में नकली गैस एजेंसी खोल ली और अवैध अंग व्यापार में उतर गए। 1998 से 2004 तक चलने वाले इस किडनी रैकेट में उन्होंने पुलिस को बताया कि 125 से अधिक अवैध किडनी प्रत्यारोपण कराए गए थे। हर ट्रांसप्लांट पर उन्हें करीब 5–7 लाख रुपये मिलते थे। स्वास्थ्य अधिकारियों और दलालों की मदद से यह नेटवर्क कई राज्यों तक फैला था।

टैक्सी और ट्रक ड्राइवर हत्याकांड – मगरमच्छ को शव खिलाना

1998-2004 के दौरान शर्मा ने संगठित रूप से टैक्सी और ट्रक चालकों की श्रृंखला वारदातें कीं। पुलिस के मुताबिक, उसकी गैंग ड्राइवरों को नकली आदेश देकर बुलाती, फिर उन्हें हत्या कर देती थी। हर हत्या के बाद शव को करारुप से मिटाने के लिए उत्तर प्रदेश के कसगंज जिले की हज़ारा नहर में फेंक दिया जाता था, जो मगरमच्छों से भरी हुई है। तमाम स्रोतों के मुताबिक, वह टैक्सी हायर करके ड्राइवर की हत्या करता और शव मगरमच्छ को खिलाकर नहर में डाल देता था। हर वाहन बेचने पर उसे 20–25 हजार रुपये मिल जाते थे।

गिरफ्तारी (2004) और सजाएँ

Doctor Death :2004 में गुड़गांव पुलिस ने शर्मा को अवैध किडनी रैकेट तथा वाहन हत्याकांडों में गिरफ्तार किया। विभिन्न अदालतों ने उसपर चल रहे कुल सात हत्या मामलों में उसे उम्रकैद की सजा सुनाई, तथा एक मामले में गुड़गांव की अदालत ने उसे मृत्युदंड की सजा भी दी। आरोप है कि इन घटनाओं में कुल 21 ड्राइवरों की हत्या हुई थी। शर्मा ने मीडिया को बताया कि उसने 50 से अधिक लोगों की हत्या स्वीकार की है। इस अवधि में किडनी रैकेट से मिली भारी कमाई ने उसके अपराध की प्रवृत्ति को बढ़ाया।

पैरोल और फरारियां

Doctor Death :लंबे जेल जीवन के बाद, जनवरी 2020 में शर्मा को 20 दिन की पैरोल पर छूटा गया था। उसने इस दौरान बेल नहीं ली और 7 महीने तक फरार रहा, तब उसे दिल्ली पुलिस ने जुलाई 2020 में गिरफ्तार किया। जून 2023 में भी उसे दो महीने की पैरोल मिली, लेकिन 3 अगस्त 2023 के बाद वह वापस जेल नहीं लौटा। इस तरह दो बार पैरोल पर भागने के बाद वह लगभग दो साल से पुलिस को चकमा दे रहा था।

हालिया गिरफ्तारी (2025) और पहचान

Doctor Death :मई 2025 में दिल्ली पुलिस ने शर्मा को राजस्थान के दौसा जिले से पकड़ा। वह एक आश्रम में प्रवचन करते ‘पुजारी’ के भेष में छिपा हुआ था। क्राइम ब्रांच ने करीब छह महीने की जांच-अभियान के बाद कई शहरों (अलीगढ़, जयपुर, दिल्ली, आगरा, प्रयागराज) में सर्च ऑपरेशन चलाया। अंततः टीम ने दौसा के आश्रम में एक धर्म प्रचारक का चेहरा बनाए बैठे शर्मा को ढूंढ निकाला।

कुल हत्याओं की संख्या और कबूलनामा

Doctor Death :पुलिस रिपोर्टों के अनुसार शर्मा को सात अलग-अलग हत्याकांडों में दोषी करार दिया गया है। गुड़गांव की अदालत ने एक मामले में मृत्युदंड भी सुनाया था। अधिकारियों का अनुमान है कि वास्तविक शिकारों की संख्या 50 से कहीं अधिक है।

पुलिस के बयानों से प्रमुख तथ्य

Doctor Death :गौतम (डीसीपी क्राइम ब्रांच) के अनुसार: “शर्मा और उसके साथी ड्राइवरों को नकली ट्रिप का जाल बिछाते, उन्हें बुलाकर मार डालते और गाड़ियाँ ग्रे मार्केट में बेच देते थे”।

उन्होंने बताया कि “पीड़ितों के शवों को सबूत मिटाने के लिए हज़ारा नहर में फेंका जाता था, जहाँ मगरमच्छ रहते हैं”।

अधिकारी यह भी बता चुके हैं कि शर्मा का अपराधी रिकॉर्ड लंबा है, जिसमें कम से कम 27 हत्या, अपहरण और डकैती के मामले दर्ज हैं।

पुलिस के मुताबिक शर्मा 1998-2004 में अवैध अंग व्यापार में लिप्त था और उसने 125 से अधिक अवैध किडनी प्रत्यारोपण करवाए थे।

अधिकारियों ने बताया कि उसे दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान में सात अलग-अलग हत्या मामलों में उम्रकैद दी गई थी, और एक मामले में मृत्युदंड सुनाया गया था।

मनोवैज्ञानिक एवं अपराध-शास्त्रीय विश्लेषण

Doctor Death :शर्मा के अपराधों में आर्थिक लालच प्रमुख दिखता है: 1994 में हुए भारी घाटे के बाद उसने अपराध को अपनाया था। अपराध-शास्त्रियों के मुताबिक ऐसे ‘सीरियल किलर’ आमतौर पर बेहद संगठित और संवेदनाशून्य होते हैं। शर्मा की वारदातों में हत्या के बाद तुरन्त शरीर के सबूत मिटाने की रणनीति साफ दिखती है, जो उसकी योजनाबद्ध प्रवृत्ति को दर्शाती है। साथ ही, उसके क्रूर कृत्यों (जैसे मगरमच्छ को शव खिलाना) से स्पष्ट है कि वह पीड़ितों के प्रति कोई सहानुभूति नहीं रखता। कुल मिलाकर, आर्थिक लाभ की चाह और अपनी पहचान छुपाए रखने की ठोस योजना ने उसे बेहद घातक अपराधी बना दिया।

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Author

  • A.P.S Jhala

    मैं A.P.S JHALA, "Kahani Nights" का लेखक, हॉरर रिसर्चर और सच्चे अपराध का कहानीकार हूं। मेरा मिशन है लोगों को गहराई से रिसर्च की गई डरावनी और सच्ची घटनाएं बताना — ऐसी कहानियां जो सिर्फ पढ़ी नहीं जातीं, महसूस की जाती हैं। साथ ही हम इस ब्लॉग पर करंट न्यूज़ भी शेयर करेंगे ताकि आप स्टोरीज के साथ साथ देश विदेश की खबरों के साथ अपडेट रह सके। लेखक की लेखनी में आपको मिलेगा सच और डर का अनोखा मिश्रण। ताकि आप एक रियल हॉरर एक्सपीरियंस पा सकें।

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