सीतामढ़ी डबल मर्डर केस – बिहार के सीतामढ़ी में माँ-बेटी की डबल मर्डर केस की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली। अवैध संबंध और एक सिम कार्ड इस सनसनीखेज हत्या का सबसे बड़ा सुराग बना। जानिए पूरी कहानी, जांच और समाज पर असर।
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बिहार के सीतामढ़ी जिले में घटा माँ-बेटी की हत्या का यह मामला पूरे राज्य ही नहीं बल्कि देशभर में चर्चा का विषय बन गया। यह कोई सामान्य अपराध नहीं था, बल्कि अवैध संबंधों और एक सिम कार्ड से उजागर हुई खौफनाक सच्चाई थी। पुलिस ने गहन जांच के बाद इस केस का खुलासा किया, और इसकी कहानी ने समाज को हिलाकर रख दिया।
सीतामढ़ी डबल मर्डर केस – घटना की पूरी कहानी
वैशाली जिला से लाकर सीतामढ़ी में की हत्या
सीतामढ़ी डबल मर्डर केस – सीतामढ़ी में एक महिला और उसकी बेटी की रहस्यमयी तरीके से हत्या कर दी गई। शुरुआत में यह एक साधारण मर्डर केस लगा, लेकिन जैसे-जैसे पुलिस ने गहराई से जांच की, इसने अवैध संबंधों और छिपे राज़ का चेहरा उजागर किया।
यह घटना 12 अगस्त की सुबह की है। सीतामढ़ी जिले के बाजपट्टी थाना क्षेत्र के पटदौरा गांव स्थित एक बगीचे में उस दिन सनसनी फैल गई, जब 35 वर्षीय महिला और सात साल की बच्ची के शव पेड़ से लटके हुए मिले। शुरुआती दौर में दोनों की पहचान नहीं हो सकी थी। पुलिस ने काफी कोशिश की, लेकिन शवों की शिनाख्त कर पाना कठिन साबित हो रहा था।
इससे पुलिस के सामने न सिर्फ मृतकों की पहचान करना बल्कि हत्यारे तक पहुंचना भी एक बड़ी चुनौती बन गया था। हालांकि, मात्र तीन दिन के भीतर खुलासा हो गया कि दोनों मृतक वैशाली जिले की निवासी थीं।
पुलिस को जांच के दौरान एक सिम कार्ड मिला, जिसने इस पूरे केस को सुलझाने की चाबी का काम किया। मोबाइल कॉल डिटेल्स और सिम कार्ड की जानकारी से यह स्पष्ट हुआ कि महिला का पिछले पाँच सालों से एक शादीशुदा व्यक्ति से संबंध था।
जब यह रिश्ता उजागर हुआ, तो हत्या की साजिश रची गई। माँ-बेटी को वैशाली से लाकर सीतामढ़ी में मौत के घाट उतार दिया गया।
पुलिस की भूमिका और जांच – सीतामढ़ी डबल मर्डर केस
सीतामढ़ी डबल मर्डर केस – बिहार पुलिस ने इस केस को सुलझाने में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
साक्ष्य के रूप में सिम कार्ड सबसे बड़ा सुराग साबित हुआ।
कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) से संदिग्धों की पहचान हुई।
पूछताछ और फॉरेंसिक टीम की मदद से पूरी गुत्थी सुलझ गई।
यह केस यह भी दर्शाता है कि आज के दौर में तकनीकी सबूत अपराध सुलझाने का सबसे अहम हथियार बन चुके हैं।
दगाबाज निकला शादीशुदा महिला का प्रेमी
सीतामढ़ी डबल मर्डर केस – एसपी अमित रंजन ने अज्ञात मां-बेटी की हत्या की गुत्थी सुलझाने के लिए पुपरी एसडीपीओ की अगुवाई में एक विशेष टीम का गठन किया। जांच के दौरान टीम को घटनास्थल से एक सिमकार्ड मिला, जिसकी सीडीआर खंगालकर पुलिस ने सुराग ढूंढ निकाला। इसी सुराग के आधार पर वैशाली जिले के समस्तीपुर थाना क्षेत्र के कल्याणपुर चौक निवासी संजीत कुमार को गिरफ्तार किया गया।
पुलिस जब संजीत को लेकर बाजपट्टी थाना पहुंची और उससे सख्ती से पूछताछ की, तो उसने पूरी वारदात कबूल कर ली। उसने बताया कि मृतका कविता देवी, पत्नी मुकेश कुमार, निवासी श्यामपुर एराजी (थाना-वैशाली), और उसकी 7 साल की पुत्री ही वे शव थे, जो पटदौरा गांव के बगीचे में पेड़ से लटके मिले थे।
जांच में यह भी सामने आया कि संजीत और शादीशुदा कविता देवी के बीच प्रेम प्रसंग चल रहा था, लेकिन इसी रिश्ते में धोखे और फरेब ने मां-बेटी की जान ले ली। संजीत ने न सिर्फ अपने प्रेम को दगा दिया बल्कि बेरहमी से उनकी हत्या कर डाली।
हत्या का मकसद
पांच साल का अवैध रिश्ता बना जानलेवा
सीतामढ़ी डबल मर्डर केस – पुलिस पूछताछ में संजीत ने खुलासा किया कि उसका और मृतका कविता देवी का करीब पांच वर्षों से अवैध संबंध चल रहा था। कविता देवी उस पर लगातार शादी करने का दबाव बना रही थी, लेकिन संजीत इससे साफ इंकार करता रहा। उसकी मानें तो कविता देवी अन्य पुरुषों से भी संपर्क में थी, जो उसे बिल्कुल पसंद नहीं था। इन्हीं बातों को लेकर दोनों के बीच अक्सर विवाद होता था।
घटना वाले दिन भी विवाद बढ़ गया और संजीत ने खौफनाक कदम उठा लिया। वह कविता देवी और उसकी 7 साल की बेटी को घुमाने के बहाने वैशाली से सीतामढ़ी ले आया। वहां उसने दोनों को नशीला पदार्थ खिला दिया, जिससे वे बेहोश हो गईं। इसके बाद संजीत ने गला दबाकर मां-बेटी की हत्या कर दी और फिर उनके शवों को पेड़ से लटका दिया, ताकि मामला आत्महत्या जैसा लगे।
फिलहाल पुलिस ने हत्यारे प्रेमी संजीत कुमार को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
समाज पर असर
सीतामढ़ी डबल मर्डर केस – यह घटना कई सवाल खड़े करती है—
- क्या अवैध संबंध इतनी बड़ी त्रासदी की वजह बन सकते हैं?
- क्या हमारे समाज में रिश्तों की गोपनीयता और झूठे दिखावे की कीमत जान से चुकानी पड़ रही है?
- और सबसे अहम—क्या महिलाएँ और बच्चे आज भी सुरक्षित नहीं हैं?
लोग इस केस को देखकर दहशत में हैं और सोशल मीडिया पर भी इसको लेकर गहरी बहस छिड़ गई है
कानून और प्रशासन पर सवाल
सीतामढ़ी डबल मर्डर केस – बिहार में लगातार बढ़ते अपराधों ने सरकार और पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
सीतामढ़ी जैसे छोटे जिले में इस तरह का डबल मर्डर होना शासन की नाकामी दिखाता है।
हालांकि, पुलिस ने केस को सुलझाकर राहत जरूर दी है, लेकिन यह सुरक्षा व्यवस्था पर गहरे सवाल छोड़ गया है।
निष्कर्ष
सीतामढ़ी डबल मर्डर केस हमें यह सिखाता है कि—
तकनीकी साक्ष्य (जैसे सिम कार्ड, कॉल डिटेल्स) अपराध सुलझाने में अहम होते हैं।
अवैध संबंध और छिपे राज़ कई बार खतरनाक रूप ले सकते हैं।
समाज और प्रशासन को ऐसे अपराधों को रोकने के लिए सतर्क रहना होगा।
माँ-बेटी की हत्या की यह घटना हमेशा याद दिलाएगी कि एक झूठा रिश्ता और छिपा सच इंसान को किस हद तक ले जा सकता है।
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