Dawah Conspiracy Exposed – आगरा धर्मांतरण केस में खुलासा—DAWAH के जरिए 2050 तक भारत को इस्लामी बनाने की साजिश, पाकिस्तान और कश्मीर से जुड़ा नेटवर्क पकड़ा गया।
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आगरा धर्मांतरण केस
धर्मांतरण मामले में उत्तर प्रदेश की आगरा पुलिस की ताजा जांच से एक बेहद खतरनाक साजिश का खुलासा हुआ है। पुलिस ने बताया है कि ‘DAWAH’ नामक इस्लामी प्रथा के जरिए 2050 तक पूरे भारत को इस्लामी बनाने की योजना बनाई गई थी। इस केस में पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ में जो जानकारियां सामने आई हैं, वे न सिर्फ चौंकाने वाली हैं बल्कि देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती पेश करती हैं।
धर्मांतरण की जांच में पाकिस्तान और कश्मीर से जुड़े तार
Islamisation Of India
आगरा पुलिस ने शनिवार को मीडिया के सामने बताया कि इस केस की शुरुआत दो नाबालिग लड़कियों के लापता होने से हुई थी। इसके बाद जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी, पूरे एक संगठित गिरोह का पर्दाफाश हुआ जो धर्मांतरण की साजिश में लिप्त था। पुलिस अब तक कुल 14 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है, जिनमें से 11 को पहले पकड़ा गया था और 3 को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया।
गिरफ्तार किए गए इन 11 अभियुक्तों से 10 दिन की पुलिस कस्टडी में पूछताछ के दौरान कई खुफिया जानकारियां सामने आई हैं। पुलिस ने दावा किया है कि इनका सीधा कनेक्शन पाकिस्तान और कश्मीर में बैठे कट्टरपंथी संगठनों से है। लड़कियों को धर्म परिवर्तन के लिए बहकाने की प्रक्रिया में पाकिस्तान से संपर्क कराया जाता था।
गैंग का सरगना: अब्दुल रहमान और आयशा
पुलिस की जानकारी के अनुसार, इस धर्मांतरण रैकेट का संचालन दिल्ली निवासी अब्दुल रहमान और गोवा की रहने वाली आयशा कर रही थी। अब्दुल रहमान मूलतः फिरोजाबाद का रहने वाला है जिसने 1990 में इस्लाम धर्म स्वीकार किया था। वह कुख्यात धर्मांतरण आरोपी कलीम सिद्दीकी का करीबी सहयोगी बताया जा रहा है, जिसे पहले ही एटीएस गिरफ्तार कर चुकी है।
जितने भी आरोपी पुलिस के कब्जे में हैं, सभी किसी न किसी रूप में अब्दुल रहमान और आयशा से जुड़े हुए थे। इनकी पकड़ देश के कई हिस्सों तक फैली हुई है — उत्तराखंड के देहरादून, उत्तर प्रदेश के बरेली, अलीगढ़, रायबरेली, और हरियाणा के झज्जर व रोहतक की लड़कियां इस गिरोह के निशाने पर थीं। सभी लड़कियों को DAWAH के माध्यम से इस्लाम अपनाने के लिए प्रेरित किया गया था।
कैसे होता था ब्रेनवॉश – पाकिस्तान और कश्मीर का इस्तेमाल
Dawah Conspiracy Exposed – जांच में सामने आया है कि गिरोह धर्म परिवर्तन करवाने के लिए पाकिस्तान और कश्मीर में बैठे सहयोगियों का सहारा लेता था। लड़कियों को कश्मीर की लड़कियों के संपर्क में लाया जाता था, जो उनके दिमाग में परिवार और धर्म के प्रति नफरत भरती थीं। इस तरह के जहरीले बौद्धिक विमर्श के जरिए लड़कियों को इस्लाम अपनाने के लिए तैयार किया जाता था।
कई मामलों में लड़कियां कश्मीर की उन महिलाओं के संपर्क में आती थीं जो खुद पहले से पाकिस्तान के एजेंट्स से जुड़ी थीं। वे इनके दिमाग में धीरे-धीरे इस्लाम की अच्छाइयां और अपने मूल धर्म के प्रति नकारात्मक बातें भरती थीं।
पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार ने जानकारी दी कि उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और हरियाणा की कई नाबालिग लड़कियों को बहला-फुसलाकर धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित किया गया था। इन सभी पीड़िताओं को ऑपरेशन ‘अस्मिता’ के तहत सुरक्षित बाहर निकाला गया। उनके परिवारों को यह तक पता नहीं था कि उनकी बेटियां धर्मांतरण की साजिश का शिकार हो चुकी हैं।
फिलीस्तीन से लेकर क्रिप्टो तक – एक वैश्विक साजिश
Dawah Conspiracy Exposed – इस पूरे नेटवर्क की जड़ें सिर्फ पाकिस्तान और कश्मीर तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि इसका लिंक फिलीस्तीन तक फैला हुआ है। आगरा पुलिस ने बताया कि रहमान कुरैशी नामक व्यक्ति द्वारा क्राउड फंडिंग, क्रिप्टो करेंसी और डॉलर के माध्यम से फिलीस्तीन को भी पैसे भेजे गए। यह खुलासा देश की आंतरिक सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े करता है।
डार्क वेब और गेम्स के जरिए टारगेटिंग
पुलिस की पूछताछ में यह बात भी सामने आई कि इस गिरोह के कम से कम तीन सदस्य डार्क वेब के जानकार हैं और इसी प्लेटफॉर्म के जरिए वे एक-दूसरे से गुप्त रूप से संवाद करते थे। बातचीत के लिए आमतौर पर सिग्नल जैसे एन्क्रिप्टेड ऐप्स का इस्तेमाल होता था, जिससे सुरक्षा एजेंसियों को जानकारी न मिल सके।
हैरत की बात यह है कि ये आरोपी ऑनलाइन गेम्स जैसे लूडोस्टार के माध्यम से हिंदू लड़के-लड़कियों को संपर्क में लेते थे। गेमिंग के बहाने दोस्ती बढ़ाई जाती थी और फिर DAWAH के नाम पर धर्मांतरण के लिए मानसिक तौर पर तैयार किया जाता था।
DAWAH: इस्लाम की वह परंपरा जो बनी साजिश का उपकरण
Dawah Conspiracy Exposed – DAWAH इस्लाम की एक पारंपरिक धार्मिक प्रथा है, जिसमें अन्य धर्म के लोगों को इस्लाम की शिक्षा दी जाती है और बौद्धिक विमर्श के माध्यम से इस्लाम की अच्छाइयों को प्रस्तुत किया जाता है। लेकिन इस मामले में DAWAH को साजिश के हथियार के रूप में इस्तेमाल किया गया।
पुलिस के अनुसार, धर्म परिवर्तन करने वाली सुमैया ने पूछताछ में बताया कि जब वह कश्मीर में थी, तब उसके दोस्तों ने उसे DAWAH कार्यक्रम में आमंत्रित किया। वहां उसे बताया गया कि 2050 तक भारत को पूरी तरह इस्लामी बनाया जाएगा।
DAWAH के जरिए मानसिक रूप से कमजोर लोगों को बनाया गया निशाना
DAWAH Islamisation Conspiracy
DAWAH के कार्यक्रमों में अधिकतर वे लोग शामिल होते थे जो किसी न किसी व्यक्तिगत या पारिवारिक संकट से गुजर रहे होते थे। ये लोग अस्पतालों, न्यायालयों, बगीचों जैसी जगहों पर भावनात्मक रूप से टूटे हुए लोगों को तलाशते और फिर DAWAH के नाम पर उन्हें इस्लाम में शामिल होने के लिए प्रेरित करते।
इन सभी ने बताया है कि पहले इनके दोस्त इनको DAWAH के लिए बुलाते है, तत्पश्चात इन लोगों को अपने धर्म इस्लाम की अच्छाइयां एवं अन्य धर्म के प्रति नकारात्मक बातों को इनके दिमाग में भरा जाता है। यदि किसी को अपने परिवार से कोई समस्या है तो परिवार के बारे में भी नकारात्मक बातें दिमाग में भरते हैं।
बौद्धिक विमर्श के दौरान पहले इनके धर्म की कमियां गिनाई जाती थीं, फिर इस्लाम की अच्छाइयां बताई जातीं। कई बार उन्हें यह भी समझाया जाता था कि उनका परिवार ही उनका दुश्मन है। इस तरह धीरे-धीरे उनका ब्रेनवॉश किया जाता।
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