Skip to content

केन्या विरोध प्रदर्शन -भड़की जनक्रांति – 16 की मौत, 400 से ज्यादा घायल|

Spread the love

केन्या विरोध प्रदर्शन : 25 जून 2025 को केन्या में कर और पुलिस अत्याचारों के खिलाफ जबरदस्त विरोध प्रदर्शन हुए, जिसमें 16 लोगों की मौत और 400 से अधिक लोग घायल हो गए। जानिए पूरी कहानी।

केन्या विरोध प्रदर्शन

 प्रकाशित: 26 जून 2025

 स्थान: नैरोबी, केन्या

केन्या विरोध प्रदर्शन : केन्या में एक बार फिर बुधवार को युवाओं के नेतृत्व में पुलिस की बर्बरता और खराब शासन व्यवस्था के खिलाफ जबरदस्त विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। राजधानी नैरोबी के केंद्रीय व्यापारिक क्षेत्र (Central Business District) में हजारों लोग एकत्र हुए और सड़कों पर उतर आए।

यह प्रदर्शन उस पहली बरसी के मौके पर हो रहे हैं, जब पिछले साल टैक्स बढ़ोतरी के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन के दौरान 60 लोगों की मौत हो गई थी और 20 लोग लापता हो गए थे।

हाल ही में एक केन्याई ब्लॉगर की पुलिस हिरासत में रहस्यमय मौत के मामले ने लोगों में गुस्सा और बढ़ा दिया है। पिछले हफ्ते इसी मुद्दे को लेकर व्यापक प्रदर्शन हुए थे, और अब जनता न्याय की मांग को लेकर फिर सड़कों पर है।

केन्या विरोध प्रदर्शन

इन विरोध प्रदर्शनों में युवाओं की भागीदारी सबसे अधिक देखी जा रही है, जो न केवल पुलिस की क्रूरता के खिलाफ हैं, बल्कि सरकार की विफलताओं और जवाबदेही की कमी को लेकर भी नाराज़ हैं।

पूरा देश एक बार फिर एक बदलाव की मांग करता दिख रहा है – एक ऐसा बदलाव जिसमें नागरिकों की आवाज़ को दबाया नहीं जाएगा, और शासन पारदर्शी और जवाबदेह होगा।

पुलिस दमन, मीडिया ब्लैकआउट और नई आज़ादी की लड़ाई

केन्या विरोध प्रदर्शन : विरोध की आग में जलता केन्या

“जब सरकार जनता की आवाज़ नहीं सुनती, तब सड़कें बोलने लगती हैं।”

25 जून 2025 को केन्या की सड़कों पर कुछ ऐसा ही नज़ारा देखने को मिला। हजारों नागरिक राजधानी नैरोबी समेत देश के करीब 23 जिलों में सड़क पर उतर आए। हाथों में झंडे, पोस्टर और गले में नारे थे – लेकिन आंखों में आंसू और डर भी। क्योंकि ये प्रदर्शन सिर्फ़ विरोध नहीं, बल्कि ज़िंदगी की दुहाई बन गए।

केन्या विरोध प्रदर्शन

क्यों फूटा यह गुस्सा?

केन्या विरोध प्रदर्शन की जड़ें 2024 के उस कर बिल में हैं, जिसे जनता पहले ही नकार चुकी थी। लेकिन इस बार माहौल और उग्र था क्योंकि:

Albert Ojwang नामक एक युवा ब्लॉगर की पुलिस कस्टडी में मौत हो गई थी।

लोग सोशल मीडिया पर #JusticeForOjwang की मांग कर रहे थे।

बढ़ती महंगाई और बेरोज़गारी ने आक्रोश को ज्वालामुखी बना दिया।

केन्या में जनरेशन ज़ेड (Generation Z) यानी युवाओं के बीच गुस्सा लगातार बढ़ता जा रहा है। पुलिस की बर्बरता, आर्थिक संकट और सरकार की नाकामी को लेकर लोगों में भारी नाराजगी है।

केन्या विरोध प्रदर्शन

इस बीच, केन्या की कम्युनिकेशन अथॉरिटी ने स्थानीय मीडिया को निर्देश दिया है कि वे दिन के मध्य में ही विरोध प्रदर्शनों की लाइव कवरेज बंद कर दें।

वहीं, राष्ट्रपति विलियम रूतो ने चेतावनी देते हुए कहा है कि हिंसा किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
इस सरकारी रवैये को लेकर लोगों में और भी रोष फैल गया है, क्योंकि अब उनकी आवाज़ को दबाने की कोशिशें की जा रही हैं।

60 मौतें, 400 से ज्यादा घायल

केन्या विरोध प्रदर्शन : Times of India और Amnesty International की रिपोर्ट के अनुसार:

पुलिस की सीधी गोलीबारी में कम से कम 16 लोगों की मौत हो गई।

लगभग 400 लोग घायल हुए, जिनमें प्रदर्शनकारी, पुलिसकर्मी और पत्रकार तक शामिल थे।

अस्पतालों में खून से लथपथ लोग घसीट-घसीटकर पहुंचाए जा रहे थे।

Kenyatta National Hospital (Nairobi) में घायलों की भीड़ लग गई।

केन्या विरोध प्रदर्शन

मीडिया पर भी हमला

केन्या विरोध प्रदर्शन : इतना ही नहीं – सरकार ने सभी लाइव न्यूज़ कवरेज पर रोक लगा दी:

टेलीविज़न चैनलों के सिग्नल काट दिए गए।

रेडियो स्टेशनों को प्रदर्शन कवर करने से मना कर दिया गया।

सोशल मीडिया पर वीडियो और लाइव्स को बैन करने की कोशिशें भी हुईं।

Kenya Media Council और पत्रकार संघों ने इसे “लोकतंत्र की हत्या” कहा।

केन्या विरोध प्रदर्शन

सड़कें बनी क्रांति की पाठशाला

केन्या विरोध प्रदर्शन : इन विरोधों में खास बात ये रही कि जेनरेशन Z (Gen Z) यानी युवा वर्ग सबसे आगे था। TikTok, Instagram और Twitter जैसे माध्यमों पर:

लोगों ने वीडियो और लाइव कवरेज किया।

प्रदर्शनकारियों को एकजुट रहने के डिजिटल गाइड मिले।

सोशल मीडिया ही बना नया क्रांति का मंच।

पुलिस ने क्या किया?

केन्या विरोध प्रदर्शन : Tear Gas, Water Cannon, Rubber Bullets – सबका इस्तेमाल हुआ।

लेकिन कई जगहों पर पुलिस ने सीधी गोलीबारी की, जो क़ानूनन अवैध मानी जाती है।

Amnesty और Human Rights Watch ने इसे मास किलिंग कहा।

जनता की माँगें

केन्या विरोध प्रदर्शन : प्रदर्शनकारी अब तीन बड़ी माँगों पर अडिग हैं:

1. कर बिल वापस लिया जाए।

2. Ojwang की मौत की न्यायिक जांच हो।

3. पुलिस में सुधार और जवाबदेही तय हो।

आगे क्या होगा?

केन्या विरोध प्रदर्शन

केन्या विरोध प्रदर्शन : अभी के लिए केन्या एक अशांत और अस्थिर दौर से गुजर रहा है। हालात ये हैं कि:

अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां इस विरोध को मानवाधिकार संकट मान रही हैं।

अफ्रीकी यूनियन और UN से भी हस्तक्षेप की मांग की जा रही है।

राष्ट्रपति William Ruto की चुप्पी पर भारी सवाल उठाए जा रहे हैं।

“मैंने कई देशों के संघर्ष देखे, लेकिन केन्या की इस आवाज़ में जो सच्चाई है, वो हिला देती है। 16 मौतें सिर्फ आंकड़े नहीं, वो 16 परिवार हैं जो हमेशा के लिए बिखर गए। जब सरकारें अंधी हो जाती हैं, तब सोशल मीडिया ही मशाल बनता है। ये कहानी सिर्फ केन्या की नहीं, हर उस देश की है जहाँ जनता अब सिर्फ सुनना नहीं चाहती – बोलना चाहती है!”

केन्या का 2025 विरोध सिर्फ एक राजनीतिक आंदोलन नहीं, बल्कि न्याय और गरिमा की लड़ाई है। यह पूरी दुनिया के लोकतंत्रों के लिए एक चेतावनी है – कि जब जनता टूटती है, तो वह चुप नहीं रहती, उठ खड़ी होती है।

ऐसी ही और ताज़ा और भरोसेमंद खबरों के लिए — हमसे जुड़े रहिए।

बुलेट बाबा : इस मंदिर में होती है बुलेट की पूजा। जानिए ओम बन्ना की चमत्कारी कहानी

Author

  • A.P.S Jhala

    मैं A.P.S JHALA, "Kahani Nights" का लेखक, हॉरर रिसर्चर और सच्चे अपराध का कहानीकार हूं। मेरा मिशन है लोगों को गहराई से रिसर्च की गई डरावनी और सच्ची घटनाएं बताना — ऐसी कहानियां जो सिर्फ पढ़ी नहीं जातीं, महसूस की जाती हैं। साथ ही हम इस ब्लॉग पर करंट न्यूज़ भी शेयर करेंगे ताकि आप स्टोरीज के साथ साथ देश विदेश की खबरों के साथ अपडेट रह सके। लेखक की लेखनी में आपको मिलेगा सच और डर का अनोखा मिश्रण। ताकि आप एक रियल हॉरर एक्सपीरियंस पा सकें।

Leave a Comment