Air India Flight 182 पर 23 जून 1985 को हुआ धमाका, जिसमें 329 लोगों ने अपनी जान गंवाई। इस ब्लॉग में जानिए घटना कैसे हुई, किसने की, कब हुई, कितने लोग मरे, जांच-परिणाम, न्याय और उस दिन के सबक।
23 जून 1985 को Air India Flight 182 (नामांकित “Kanishka”) में वनाया गया बम विस्फोट हुआ, जिसमें टोरोंटो से दिल्ली की उड़ान के दौरान 329 लोग—307 यात्री और 22 क्रू—की मौत हो गई। इनमें से 268 कनाडाई, 27 ब्रिटिश और 22 भारतीय नागरिक थे । यह कनाडा की इतिहास में सबसे बड़ी आतंकवादी घटना और शांति भंग करने वाली सबसे बड़ी विमान दुर्घटना थी ।
याददाश्त की दुनिया भर में झलकियाँ
Air India Flight 182 : नई दिल्ली में आज (23 जून 2025) विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने 329 निर्दोष जानों को श्रद्धांजलि दी और इसे “एक सबसे भयानक आतंकवादी कृत्य” बताया, जो दुनिया को आतंकवाद के प्रति शून्य सहनशीलता दिखाने की ताकीद करता है ।
कोर्क, आयरलैंड: केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भारतीय व कनाडाई प्रतिनिधियों समेत स्मृति सभा में भाग लिया, जहाँ उन्होंने वैश्विक आतंकवाद की मजबूती से निंदा की और अधिक सहयोग की अपील की ।
कनाडा: 23 जून को राष्ट्रीय आतंकवाद पीड़ितों की स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाता है, और यही Kanishka बमबारी की बरसी का दिन है ।
*टीम आरसीएमपी ने ‘मिस्टर X’ नामित बम परीक्षणकर्ता की पहचान की, जो 40 वर्षों से पहचाने नहीं गए थे, पर ये बमबारी में शामिल थे और अब वे आज़ाद होकर मृत्यु हो गए—यही जानकारी 40वीं बरसी के अवसर पर सामने आई ।
पीड़ित कुटुंबों की सदियाँ
टोरोन्टो और वैंकूवर में होने वाले स्मृति समारोहों में पीड़ितों के परिवारों ने सरकार से बेहतर व्यावस्था, सक्रिय अनुसंधान, और अपनी न्याय-अधिकारों में सुधार की मांग की है ।
एमेक्स: यूनिवर्सिटी ऑफ विनिपेग ने मई 2025 में “40 वीं स्मृति सम्मेलन” आयोजित किया, जहाँ पैनल चर्चा में सार्वजनिक स्मृतियों और न्याय की आवश्यकता पर बल दिया गया ।
क्यों है यह ब्लॉग महत्वपूर्ण?
1. याद और शिक्षाप्रदान – यह केवल एक घटना नहीं थी; यह मानवता और सहिष्णुता पर हमला था, एवं हमें इसकी सघन तैयारी और जागरूकता सीखनी चाहिए।
2. शिक्षाप्रद विरोध – मंत्री-पुत्रों का संदेश स्पष्ट है—आतंकवाद के खिलाफ विश्वव्यापी कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा होना आवश्यक है ।
3. अनुसंधान और न्याय – ‘मिस्टर X’ की पहचान और केस की लंबी कार्यवाही संकेत हैं कि न किसी को भूलना चाहिए और न किसी अपराध को माफ़ करना चाहिए।
23 जून 1985 को सुबह के 7:14 बजे (UTC),Air India Flight 182, कोडनेम “Kanishka” — टोरोंटो (Montreal) से दिल्ली के मार्ग पर — अटलांटिक के ऊपर से उड़ान भर रहा था। अचानक लगे बम विस्फोट ने पूरी उड़ान को नष्ट कर दिया। इस भीषण घटना में 329 व्यक्ति मारे गए: 307 यात्री और 22 क्रू मेंबर, जिनमें 86 बच्चे भी शामिल थे। यह घटना कनाडा के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा आतंकवादी हमला और दुनिया की सबसे भयानक विमान दुर्घटनाओं में से एक मानी जाती है।
Air India Flight 182 : इस ब्लॉग में हम विस्तार से जानेंगे कि Air India Kanishka Flight 182 पर बम हमला कैसे हुआ, हमला करने वाले कौन थे, कब हुआ, कितने लोग मरे, जांच और मुकदमों का क्या हश्र रहा और हमें इससे क्या सबक मिलते हैं।
Air India Flight 182 : घटनाक्रम — धमाका कैसे और कब हुआ
उड़ान काशेड्यूल
Departure: Toronto Pearson International Airport (YYZ), 22 जून 1985, रात 23:00 बजे
Layover: Montreal–Mirabel International Airport (YMX), 23 जून 1985, तड़के 01:35 बजे
Destination: Indira Gandhi International Airport, New Delhi (DEL)
बम विस्फोट का क्षण :
समय: 23 जून 1985, सुबह 07:14 UTC
स्थान: अस्पष्ट समुद्र के ऊपर, लगभग सेवेंटीन मील दूर पश्चिमी तट (Ireland) से
विस्फोट की वजह: एक बोइंग 747-237B के एक डेक सेक्शन में छिपाया गया 680g का सह-एक्सप्लोडिंग प्लास्टिक बम
नुकसान: विमान तत्काल टूट गया, सभी लोग समुद्र में गिर गए
हमलावरों की साज़िश — किसने किया?
Air India Flight 182 : खालिस्तानी चरमपंथियों का हाथ
संगठन: International Sikh Youth Federation (ISYF)
प्रेरणा: 1984 में दिल्ली में ऑपरेशन ब्लू स्टार के विरोध में बदला लेने की योजना
मुख्य संदिग्ध:
Ripudaman Singh Malik
Ajaib Singh Bagri
Inderjit Singh Reyat (बम बनाने में आरोपी, एकमात्र दोषी)
बम निर्माण और ट्रांज़िट :
1. प्लास्टिक विस्फोटक खरीदना: Reyat ने यूके से PETN खरीदा।
2. बम असेंबली: Montreal में एक किराए के घर में बम तैयार किया गया।
3. बैगेज ट्रांसफ़र: बम एक स्टॉपओवर पर Connaught Place से Tremblay bag drop तक ट्रांसफर हुआ।
4. सकीम: Montreal से London जा रहे पैसेंजर ले गए फर्स्ट बैग, फिर उसी बैगेज को London से Delhi के लिए ट्रांसफर किया गया।
क्षति और शोक — कितने लोग मरे?
श्रेणी संख्या
यात्री 307
क्रू 22
कुल 329
बच्चों की संख्या 86
राष्ट्रीयता:
268 कनाडाई
27 ब्रिटिश
22 भारतीय
शेष अन्य देशों के नागरिक
कई परिवार एक ही फ्लाइट में थे, जिससे पीड़ितों की संख्या और बढ़ गई। इस त्रासदी ने कनाडा, भारत और यूके—तीनों में गहरा शोक और आक्रोश फैलाया।
जांच और मुकदमे — मिला न्याय?
प्राथमिक जांच (1985–1987)
Air India Flight 182 : विमान के मलबे और ब्लैक बॉक्स नहीं मिले; विस्फोट रिकार्डिंग्स ने आंशिक रूप से विस्फोट का समय रिकॉर्ड किया।
संयुक्त जांच में Canada’s RCMP और Indian investigative agencies ने मिलकर काम किया।
मुख्य अभियोग :
Inderjit Singh Reyat
वर्ष 1991 में गिरफ्तार।
वर्ष 1997 में PETN विस्फोटक बनाने का दोषी पाया गया।
2003 में रिहा, पर बाद में 2010 में नई जेल अवधि।
Ripudaman Singh Malik एवं Ajaib Singh Bagri
वर्ष 2005 में आरोप तय।
वर्ष 2005–2010 तक कई सुनवाइयां।
2005 में सभी आरोपों से बरी।
पीड़ितों का मुआवजा :
Air India Flight 182 : कनाडा सरकार ने 1988 में CAD $2.25 मिलियन का मुआवजा घोषित किया।
अनेक परिवारों ने न्याय की धीमी प्रक्रिया और बरी किए गए आरोपियों से असंतोष जताया।
समाज और राजनीति पर प्रभाव
कनाडा में पाबंदियाँ: विस्फोट के बाद यात्रियों की सुरक्षा जांच कड़ी हुई, बैगेज स्क्रीनिंग सख्त की गई।
भारत–कनाडा रिश्ते: आतंकवाद के प्रति दोनों देशों ने सहयोग बढ़ाया, लेकिन न्यायसे संबंधित कड़वाहट बनी रही।
खालिस्तान आंदोलन: विश्वभर में Sikh चरमपंथ पर लगाम, कई नेता निर्वासित।
स्मरण—याद दिलाती प्रतिमाएं Air India Flight 182
1. Toronto’s Garden of the Provinces Memorial
2. Montreal’s Flight 182 Memorial
3. Delhi में Canadian High Commission के निकट दीप प्रज्ज्वलन
“युद्ध खत्म हो सकता है, पर शहादत कभी नहीं भूली जाती।”
23 जून 1985 को Air India Flight 182 पर हुआ आतंकवादी हमला सिर्फ एक विमान दुर्घटना नहीं थी, बल्कि मानवता पर हमला था। 329 निर्दोष लोग—बच्चे, माता-पिता, दादा-दादी—की जान चली गई। न्याय की प्रक्रिया धीमी रही, कई आरोप बरी हुए, पर पीड़ित परिवारों को आज भी न्याय की कमी महसूस होती है।
आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता, सुरक्षा व्यवस्था का कड़ा होना और अंतर्राष्ट्रीय न्याय तंत्र का पारदर्शी होना अनिवार्य है।
कॉल टू एक्शन (Call to Action)
1. श्रद्धांजलि सभा में शामिल हों:
23 जून को स्थानीय मीमोरियल इवेंट की जानकारी प्राप्त करें।
2. शिक्षा फैलाएं:
सोशल मीडिया पर #KanishkaRemembrance साझा करें।
3. समझ बढ़ाएँ:
आतंकवाद के कारणों और रोकथाम पर शोध और चर्चाएं बढ़ाएं।
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