संयोग या रणनीति?

यूएस आर्मी डे :पाकिस्तान के चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ, फील्ड मार्शल असिम मुनीर, को 14 जून को वॉशिंगटन डी.सी. में आयोजित यूएस आर्मी 250वीं सालगिरह पर बुलाया गया है ।
इसमें शामिल हैं मिलिट्री परेड और पेंटागन व स्टेट डिपार्टमेंट के उच्चाधिकारियों से मुलाकात ।
भारत में विवाद: एक राजनीतिक झटका

यूएस आर्मी डे : कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इस बुलावे को “डिप्लमेटिक सेटबैक” कहा, खासकर हाल के पाहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के चलते ।
उनका सवाल है—“अमेरिका का इरादा क्या है?”, और क्या यह भारत-पाक संबंधों के बीच फांस बनाने जैसा कदम है ।
अमेरिकी प्रतिक्रिया और रणनीति
यूएस आर्मी डे : जनरल माइकल कुरिला (CENTCOM प्रमुख) ने कहा कि “पाकिस्तान आतंकवाद-रोधी दुनिया में phenomenal partner है” और साथ ही यूएस को भारत और पाकिस्तान दोनों से रिश्ते रखने होंगे ।
यह आमंत्रण रणनीतिक recalibration का हिस्सा माना जा रहा है ताकि चीन के बढ़ते प्रभाव पर नियंत्रण रखा जा सके ।
“दोस्तों, यह सिर्फ एक दावत नहीं — यह रणनीति है।
अमेरिका पाकिस्तान को एक भरोसेमंद साझेदार मान रहा है, जबकि भारत भी उसके फोकस में है।
क्या ये कदम Indo-Pacific पावर बैलेंस का हिस्सा है?
और भारत को क्या करना चाहिए — चर्चाओं के लिए दरवाज़ा खोलें या कड़े रुख अपनाएं?”
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