लांबी देहर माइंस भारत के सबसे बड़े औद्योगिक नरसंहारों में से एक था, जिसे सरकारी रिकॉर्ड में शायद ही दर्ज किया गया हो।

जब आप मसूरी की सुंदर वादियों में होते हैं, तो हवा आपको सहलाती है।लेकिन लांबी देहर में… वही हवा आपके कान में चीखती है।”
लांबी देहर माइंस – एक सुंदर शहर की खौफनाक छाया :-

लांबी देहर माइंस मसूरी, उत्तराखंड का एक बेहद लोकप्रिय हिल स्टेशन – जहाँ प्यार करने वाले जोड़े, परिवार, और प्रकृति प्रेमी घूमने आते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस खूबसूरत शहर की एक पहाड़ी ऐसी है, जहाँ कोई गाइड आपको ले जाना पसंद नहीं करता?यह जगह है – लांबी देहर माइंस, मसूरी से करीब 10 किमी दूर।
लांबी देहर माइंस – इतिहास की राख में दबा एक नरसंहार :-
1930 के दशक में, ब्रिटिश राज के दौरान, यहाँ चूना पत्थर (lime) निकालने का काम ज़ोरों पर था।करीब 50,000 मज़दूर, जिनमें ज़्यादातर गरीब तबके के लोग थे, दिन-रात इन सुरंगों में खनन करते।लेकिन तबाही की शुरुआत हुई…

सुरंगों में न कोई वेंटिलेशन था, न मास्क। चूने की धूल उनके फेफड़ों में जमने लगी। एक रात, ज़्यादातर मज़दूरों को सांझ के समय तेज़ खांसी और सांस रुकने की शिकायत हुई।सुबह तक, हज़ारों शव उन सुरंगों में पड़े थे।लोग खांसते-खांसते मरने लगे। सभी मजदूरों को खून की उल्टियां हुई थीं
इतिहास गवाह है – लांबी देहर माइंस यह भारत के सबसे बड़े औद्योगिक नरसंहारों में से एक था, जिसे सरकारी रिकॉर्ड में शायद ही दर्ज किया गया हो।

तब से अब तक – एक शापित खंडहरउस रात के बाद, लांबी देहर माइंस को बंद कर दिया गया।पर कहानियाँ यहीं खत्म नहीं हुईं… सुरंगों से आती हैं इंसानी चीखेंरात 12 बजे के बाद, स्थानीय लोग कहते हैं कि माइंस से “बचाओ”, “हमें बाहर निकालो” जैसी आवाजें आती हैं। आत्मा की मौजूदगी – सफेद साड़ी वाली औरतएक महिला की आत्मा को कई बार पहाड़ की चोटी से कूदते हुए देखा गया है – लेकिन नीचे पहुँचने से पहले वह गायब हो जाती है।
लांबी देहर माइंस मैं रास्ता भटक जाना :-

कई ट्रेकर्स और बाइकर्स ने यहाँ रास्ता भटकने की बात कही है – GPS फेल हो जाता है, और घंटों तक वे एक ही जगह घूमते रहते हैं।
एक युवा कपल की घटना (1998 की सच्ची कहानी)
रीना और अर्जुन, दिल्ली से मसूरी घूमने आए थे।उन्होंने माइंस के बारे में सुन रखा था, और दोस्तों को चैलेंज करने के लिए वे रात को 10 बजे वहाँ पहुँचे।उनका कैमरा, मोबाइल – सबने काम करना बंद कर दिया।रीना ने अर्जुन की तरफ देखा और अचानक चिल्लाने लगी – “तुम्हारे पीछे कोई खड़ा है! सफेद चेहरा… बिना आँखों के!”
अर्जुन को कुछ नज़र नहीं आया, लेकिन जब उसने कैमरा ऑन किया –फ्रेम में कुछ सेकंड के लिए एक काली परछाई दिखी, जो तुरंत गायब हो गई।इस घटना के बाद रीना ने महीनों तक डिप्रेशन और नींद में डरावने सपने की शिकायत की।
क्या यह बस अफवाह है?
कुछ लोग मानते हैं कि यह सिर्फ पुरानी कहानियों का डर है।पर कई पैरानॉर्मल रिसर्चर्स, जैसे कि SPIRIT HUNTERS INDIA, ने यहाँ अनोखी ऊर्जा दर्ज की है:
EMF मीटर बार-बार रेड ज़ोन में गया Temperature sensors ने -5°C तक की अचानक गिरावट दर्ज कीएक रिकॉर्डिंग में सुना गया – “यहाँ मत आओ…”
एक अजीब संयोग: लांबी देहर में लगी रहस्यमयी आग :-
2021 में अचानक माइंस के पास एक ज़बरदस्त आग लग गई।ना कोई कारण मिलाना कोई इंसान वहाँ मौजूद थापर CCTV में कुछ सेकंड के लिए “चलती सफेद आकृति” दिखी, जो आग से पहले कैमरे के सामने आई।

एक गाइड की आखिरी टूर :-
“नरेश सिंह”, एक लोकल टूर गाइड, जो माइंस को “मज़ाक” मानते थे – उन्होंने 2012 में कुछ विदेशी पर्यटकों को वहाँ ले जाने की ठानी।वो वापस नहीं लौटे।48 घंटे बाद उनका शव एक पुरानी सुरंग में मिला – गला घुटा हुआ था, पर कोई निशान नहीं… सिर्फ उनकी आँखें… खौफ से खुली हुई।बुजुर्गों की मानें तो किसी समय पर यहां पर चुड़ैल का साया था जिसकी वजह से ही अक्सर एक्सीडेंट्स होते थे. एक हेलीकॉप्टर भी इस जगह पर क्रैश हो चुका है. किसी को पता नहीं चला कि आखिर उस क्रैश की वजह क्या थी.
निष्कर्ष: क्या यह जगह सच में शापित है?लांबी देहर माइंस कोई साधारण खंडहर नहीं है – यह एक दबी हुई त्रासदी है।जहाँ हर पत्थर, हर दरार, और हर खामोशी के पीछे कोई अदृश्य कहानी छुपी है।कहानी… मौत की, पीड़ा की… और शायद बदले की।
क्या आप रात भर वहाँ रुकने की हिम्मत रखते हैं?👇 कमेंट करें:क्या यह सब अफवाह है, या वाकई कोई आत्मा वहाँ अपना हिसाब पूरा कर रही है?
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