अलविदा मिग 21 – भारतीय वायुसेना का सबसे पुराना लड़ाकू विमान मिग-21 सितंबर 2025 में रिटायर हो रहा है। जानिए इसके स्वर्णिम इतिहास, युद्धों में योगदान, हादसे और ‘उड़ता ताबूत’ नाम की सच्चाई इस विशेष ब्लॉग में
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अलविदा मिग 21 – वो धड़कता नाम जिसने भारत के आकाश को सीना ठोंक कर नापा
भारतीय वायुसेना मिग-21
भारतीय वायुसेना की ताकत और इतिहास की बात हो और मिग-21 का नाम न लिया जाए, ऐसा हो ही नहीं सकता। यह वही विमान है जिसने भारत को 1960 और 70 के दशक में वायुसेना की शक्ति में दुनिया के बड़े देशों की कतार में खड़ा कर दिया था।
1963 में मिग-21 पहली बार भारतीय वायुसेना में शामिल हुआ था। तब से अब तक इसने न सिर्फ देश की सीमाओं की रक्षा की, बल्कि कई ऐतिहासिक युद्धों में अपनी चमक भी बिखेरी। लेकिन अब यह समय है उस वीर योद्धा को सलामी देने का, जो सितंबर 2025 में अपनी अंतिम उड़ान भरकर रिटायर होने वाला है।
मिग-21 का गौरवशाली इतिहास
मिग-21 इतिहास
मिग-21 सोवियत संघ द्वारा निर्मित एक सुपरसोनिक लड़ाकू विमान था, जिसे भारत ने 1960 के दशक में शामिल किया था। यह भारत द्वारा आयात किए गए पहले सुपरसोनिक फाइटर जेट्स में से एक था।
1971 का भारत-पाक युद्ध: मिग-21 का शौर्य
भारत-पाकिस्तान के बीच 1971 में हुए युद्ध में मिग-21 ने निर्णायक भूमिका निभाई। पाकिस्तान के कई एयरबेस पर स्ट्राइक करने से लेकर दुश्मन के फाइटर जेट्स को मार गिराने तक — मिग-21 ने भारतीय वायुसेना की ताकत दुनिया को दिखाई।
अंतरराष्ट्रीय पहचान
मिग-21 के पायलट्स को ना केवल देश के भीतर बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सम्मान मिला। इसकी रफ्तार, आक्रमक शैली और कॉम्पैक्ट डिजाइन के कारण यह पायलट्स के बीच फेवरेट बन गया था।
क्यों मिग-21 बना भारतीय वायुसेना की रीढ़?
1. कम लागत: इसका निर्माण और रखरखाव तुलनात्मक रूप से सस्ता था।
2. सुपरसोनिक स्पीड: मिग-21 की अधिकतम गति 2,175 km/h (Mach 2.05) थी।
3. ऑल वेदर फाइटर: यह हर मौसम में उड़ान भरने में सक्षम था।
4. तेज टेकऑफ़: इसकी रनवे पर तेजी से टेकऑफ़ करने की क्षमता ने इसे विशेष बनाया।
हादसों का काला साया – कब से बनने लगा ‘उड़ता ताबूत’?
मिग-21 हादसे
पिछले दो दशकों में मिग-21 से जुड़े कई हादसे हुए, जिसने इसकी छवि को नुकसान पहुँचाया।
कुछ आंकड़े:
अब तक मिग-21 के 400 से ज्यादा क्रैश केस दर्ज हो चुके हैं।
200 से अधिक पायलट्स और नागरिक इन हादसों में जान गंवा चुके हैं।
अकेले पिछले 10 वर्षों में दर्जनों हादसे हुए।
क्यों होते हैं इतने हादसे?
पुरानी टेक्नोलॉजी: यह विमान 60 साल पुराना है।
तकनीकी अपग्रेड की कमी: नए जमाने की तकनीक इसमें नहीं जोड़ी जा सकी।
उम्रदराज एयरफ्रेम: लंबे समय तक सेवा में रहने से इसकी संरचना कमजोर हो गई।
वायुसेना की योजना और बदलाव
अलविदा मिग 21 – भारतीय वायुसेना अब धीरे-धीरे आधुनिक विमानों की ओर बढ़ रही है। राफेल, तेजस, सुखोई-30MKI जैसे नए फाइटर जेट्स मिग-21 की जगह ले रहे हैं।
वायुसेना का बयान:
“मिग-21 ने देश की रक्षा में अद्वितीय योगदान दिया है। लेकिन अब समय है तकनीकी रूप से और सक्षम विकल्पों की ओर बढ़ने का।”
मिग-21 को अंतिम सलामी: एक योद्धा की विदाई
जब कोई सैनिक रिटायर होता है, तो उसकी वर्दी उतारते वक्त पूरे देश की आंखें नम हो जाती हैं। मिग-21 भी एक सैनिक की तरह था — एक हवाई योद्धा, जिसने आकाश में शत्रु से लोहा लिया, देश को सुरक्षित रखा और कभी पीठ नहीं दिखाई।
सितंबर 2025 में जब मिग-21 आखिरी बार भारतीय आसमान में गूंजेगा, तो वह सिर्फ एक मशीनी गूंज नहीं होगी — वह इतिहास, शौर्य और बलिदान की आवाज़ होगी।
मिग-21 पैंथर्स, टाइगर्स, ट्राइडेंट्स और लांसर्स जैसे स्क्वॉड्रन का हिस्सा रहा है। यह एक युग का अंत है।
लेकिन यथार्थ यह भी है: “उड़ता ताबूत” क्यों कहा गया?
अलविदा मिग 21 – मिग-21 को अक्सर “Flying Coffin” यानी “उड़ता ताबूत” कहा गया। यह नाम किसी दुश्मन ने नहीं, बल्कि खुद भारत में जनसुरक्षा की चिंताओं को दर्शाने के लिए दिया गया था।
प्रमुख कारण:
कई युवा ट्रेनी पायलट्स मिग-21 की वजह से अपनी जान गंवा बैठे।
इसके टेक्निकल फेल्योर और इंजन प्रॉब्लम्स लगातार चिंता का विषय रहे।
पायलट्स के परिवारों और रिटायर्ड अफसरों ने इसे समय रहते रिटायर करने की मांग की थी।
वास्तव में, मिग-21 जितना वीर था, उतना ही समय के साथ खतरनाक होता जा रहा था। लेकिन इसके बावजूद यह नहीं भूला जा सकता कि इस विमान ने जब देश को जरूरत थी, तब अपनी हर ताकत झोंक दी थी।
अलविदा वीर योद्धा
अलविदा मिग 21 – मिग-21 केवल एक फाइटर जेट नहीं, बल्कि भारत की वायु-गाथा का पहला अध्याय था। उस युग का प्रतिनिधि, जिसने दुनिया को बताया कि भारत सिर्फ ज़मीनी नहीं, हवाई ताकत में भी महारथी है।
मिग-21 अंतिम उड़ान
सितंबर 2025 को जब आखिरी मिग-21 अपने बेस से टेक ऑफ करेगा, तो लाखों दिलों की धड़कनें तेज होंगी। कोई उसे सलामी देगा, कोई उसे श्रद्धांजलि, और कोई उसकी कहानियों को आगे सुनाएगा।
अलविदा मिग 21… तुम्हारी गूंज हमेशा भारतीय आसमान में रहेगी।
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