अमेरिका-ईरान टकराव : ने फोर्डो न्यूक्लियर साइट को एक संभावित निशाने पर ला खड़ा किया है। ट्रंप के नेतृत्व में बंकर बस्टर हमले की तैयारी ने मध्य पूर्व में युद्ध की आहट को और तेज कर दिया है।
अनुक्रम (Table of Contents)
ईरान-इज़राइल युद्ध 2025 की पृष्ठभूमि
अमेरिका की भूमिका और बंकर बस्टर योजना
ईरान की प्रतिक्रिया और परमाणु चेतावनी
इज़राइल की रणनीति और हाई अलर्ट
ब्रिटेन, रूस और चीन की स्थिति
वैश्विक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
आम नागरिकों के लिए खतरा
क्या होगा अगला कदम?
निष्कर्ष: एक और विश्व युद्ध का संकेत?
अमेरिका-ईरान टकराव 2025 की पृष्ठभूमि
मध्य पूर्व हमेशा से ही भू-राजनीतिक अस्थिरता का केंद्र रहा है। लेकिन 2025 में यह तनाव एक नए विस्फोटक मोड़ पर पहुँच गया है। इज़राइल और ईरान के बीच लगातार बढ़ते हमलों, ड्रोन अटैक्स और मीडिया वार ने माहौल को गर्म कर दिया है।
अब इस संघर्ष में अमेरिका की एंट्री इसे और खतरनाक बना रही है।
अमेरिका की भूमिका और बंकर बस्टर योजना
अमेरिका-ईरान टकराव : अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रक्षा अधिकारियों के साथ यह चर्चा शुरू की है कि क्या ईरान की Fordow न्यूक्लियर फैसिलिटी को बंकर बस्टर बम से निशाना बनाया जा सकता है। इस मिशन पर अगले दो हफ्तों में अंतिम फैसला हो सकता है।
बंकर बस्टर क्या है?
यह विशेष प्रकार का बम होता है जो गहराई में स्थित ठिकानों को भी पूरी तरह नष्ट कर सकता है। ईरान की Fordow साइट पहाड़ों के नीचे बनाई गई है।
ईरान की प्रतिक्रिया और परमाणु चेतावनी
अमेरिका-ईरान टकराव : ईरान ने अमेरिका को चेतावनी दी है कि अगर उनकी ज़मीन पर हमला हुआ, तो इसका जवाब केवल इज़राइल नहीं बल्कि अमेरिका को भी भुगतना होगा।
ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स और बैलिस्टिक मिसाइल यूनिट्स हाई अलर्ट पर हैं। साथ ही, यह भी अंदेशा जताया जा रहा है कि ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम को सार्वजनिक न करते हुए, उसे रफ्तार दे रहा है।
इज़राइल की रणनीति और हाई अलर्ट
अमेरिका-ईरान टकराव : इज़राइल ने अपने डिफेंस सिस्टम Iron Dome को पूरी तरह सक्रिय कर दिया है। उसकी वायुसेना हर संभावित ईरानी ड्रोन या मिसाइल को रोकने की तैयारी में है।
मॉसाद की रिपोर्ट के अनुसार ईरान ने पश्चिम एशिया और यूरोप में अपने गुप्त एजेंट सक्रिय कर दिए हैं।
ब्रिटेन, रूस और चीन की स्थिति
ब्रिटेन: रक्षा मंत्री जॉन हीली ने शांति वार्ता की अपील की है।
रूस: उसने अमेरिका की सैन्य योजना को “एकतरफा अतिक्रमण” बताया है।
चीन: संयुक्त राष्ट्र की आपात बैठक की मांग की है।
वैश्विक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
अमेरिका-ईरान टकराव : कच्चे तेल की कीमतें 15% तक बढ़ चुकी हैं।
सोना सुरक्षित निवेश बनकर फिर चमक रहा है।
वैश्विक स्टॉक मार्केट्स में गिरावट जारी है।
भारत, जापान, जर्मनी जैसे देश कच्चे तेल और बाजारों पर नजर रखे हुए हैं।
आम नागरिकों के लिए खतरा
तेहरान, दमिश्क और तेल अवीव जैसे शहरों में नागरिकों ने राशन और दवाइयों की जमाखोरी शुरू कर दी है। बंकर बनाए जा रहे हैं और स्कूल बंद हो रहे हैं।
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार संभावित युद्ध के कारण 5 लाख से अधिक लोगों के पलायन की आशंका है।
क्या होगा अगला कदम?
अमेरिका-ईरान टकराव : पक्ष संभावित कार्रवाई
अमेरिका Fordow पर एयरस्ट्राइक का निर्णय जल्द
ईरान जवाबी हमलों की तैयारी, मिसाइल सक्रिय
इज़राइल सीमाओं पर सैन्य तैनाती बढ़ी
UN आपात बैठक और मध्यस्थता प्रयास
एक और विश्व युद्ध का संकेत?
मध्य पूर्व की यह चिंगारी पूरी दुनिया को जला सकती है। यदि कूटनीति असफल रही, तो यह संघर्ष केवल क्षेत्रीय नहीं, बल्कि वैश्विक युद्ध में तब्दील हो सकता है।
“मैं यह लेख एक पत्रकार नहीं, बल्कि एक इंसान के रूप में लिख रहा हूँ जो शांति की दुआ करता है। बमों से केवल शहर नहीं, उम्मीदें भी जलती हैं। आशा है कि यह संकट बातचीत से सुलझे, न कि लाशों से।”