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माली आतंकी हमला- 3 भारतीयों को बनाया गया बंधक, अल-कायदा ने ली जिम्मेदारी

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माली आतंकी हमला :माली में अल-कायदा से जुड़े आतंकियों ने जयपुर के प्रकाश चंद जोशी समेत तीन भारतीयों को बंधक बना लिया है। परिवार ने PM मोदी से मदद की गुहार लगाई है। जानिए पूरी घटना, सरकार की प्रतिक्रिया और मौजूदा हालात।

माली आतंकी हमला

भारतीय बंधक माली

माली में अल-कायदा से जुड़े एक समूह द्वारा अपहृत किए गए तीन भारतीय नागरिकों में से एक के रिश्तेदार ने दावा किया है कि अपहरणकर्ताओं ने उनकी रिहाई के बदले फिरौती की मांग की है। ओडिशा के गंजाम जिले के निवासी पी. वेंकटरमण अपहृत व्यक्तियों में शामिल हैं, उनके साथ तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के दो अन्य लोग भी बंधक बनाए गए हैं।

माली आतंकी हमला

माली में भारतीयों पर हमला

माली, जो पश्चिम अफ्रीका का एक अशांत देश है, एक बार फिर आतंकवाद की चपेट में है। इस बार हमला भारत से भी जुड़ा हुआ है। राजस्थान के जयपुर निवासी प्रकाश चंद जोशी, समेत तीन भारतीयों को अल-कायदा से जुड़े आतंकी संगठन द्वारा बंधक बना लिया गया है। इस घटना ने पूरे देश में चिंता की लहर दौड़ा दी है।

यह हमला कब और कैसे हुआ ?

पश्चिमी अफ्रीकी देश माली में लंबे समय से आतंकी गतिविधियाँ चल रही हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, ये हमला हाल ही में उत्तरी माली में एक व्यवसायिक इलाके में हुआ, जहाँ कई देशों के नागरिक काम कर रहे थे। यहीं से प्रकाश चंद जोशी और दो अन्य भारतीय नागरिकों को अपहरण कर लिया गया।

इस हमले की जिम्मेदारी जमात नुसरत अल-इस्लाम वल-मुस्लिमीन (JNIM) नामक आतंकी संगठन ने ली है, जो कि अल-कायदा का एक सहयोगी ग्रुप है।

माली में 3 भारतीयों का अपहरण: अल-कायदा से जुड़ा संगठन मांग रहा फिरौती

अल कायदा हमला -JNIM terrorist group

1 जुलाई को माली के कायेस शहर में स्थित डायमंड सीमेंट फैक्ट्री पर हुए आतंकवादी हमले में तीन भारतीयों का अपहरण हुआ। अपहृत व्यक्तियों में पी. वेंकटरमण (ओडिशा), प्रकाश चंद जोशी ( जयपुर) और अमरेश्वर (तेलंगाना) शामिल हैं।

भारतीय बंधक माली

वेंकटरमण के बहनोई ने बताया कि उन्होंने 30 जून को आखिरी बार बात की थी। पहले कंपनी ने बताया कि वे पुलिस हिरासत में हैं क्योंकि फैक्ट्री को आग लगा दी गई थी, लेकिन बाद में अपहरण की जानकारी दी गई और परिवार को यह जानकारी न फैलाने की सलाह दी गई।

परिवार का कहना है कि आतंकियों ने फिरौती की मांग की है। उन्होंने दूतावास और प्रशासन से संपर्क किया लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।

भारत सरकार और विदेश मंत्रालय ने घटना की निंदा करते हुए कहा है कि बामाको स्थित भारतीय दूतावास स्थानीय प्रशासन और पीड़ित परिवारों के संपर्क में है।

सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि यह अपहरण अल-कायदा से जुड़े JNIM संगठन ने किया है, हालांकि किसी संगठन ने आधिकारिक रूप से जिम्मेदारी नहीं ली है।

प्रसादित्य ग्रुप, जो फैक्ट्री का मालिक है, के वरिष्ठ अधिकारी माली पहुंच गए हैं और स्थानीय प्रशासन की मदद कर रहे हैं।

प्रकाश चंद जोशी कौन हैं?

प्रकाश चंद जोशी जयपुर (राजस्थान) के निवासी हैं और वे पिछले कुछ वर्षों से माली में एक निजी निर्माण कंपनी में कार्यरत थे। वह अपने परिवार के लिए बेहतर भविष्य की तलाश में विदेश गए थे। लेकिन अब वे और दो अन्य भारतीय आतंकी गिरोह के कब्जे में हैं।

उनके परिवार ने इस घटना की जानकारी मिलते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्रालय और राजस्थान सरकार से मदद की अपील की है।

अल-कायदा की भूमिका

अल कायदा हमला

अल-कायदा, दुनिया के सबसे खतरनाक आतंकी संगठनों में से एक है, जो अफ्रीका में तेजी से अपना नेटवर्क फैला रहा है। माली और आसपास के क्षेत्रों में यह संगठन कई सालों से सक्रिय है।

JNIM terrorist group

JNIM इस क्षेत्र में अल-कायदा की ओर से कार्य करता है और विदेशी नागरिकों का अपहरण कर फिरौती मांगना इसका मुख्य हथकंडा बन चुका है।

माली में क्यों बढ़ रहे हैं आतंकी हमले?

माली आतंकी हमला : माली में बढ़ते आतंकी हमलों के पीछे कई कारण हैं:

राजनीतिक अस्थिरता

कमजोर सुरक्षा तंत्र

बाहरी देशों की कंपनियों और मजदूरों की मौजूदगी

अल-कायदा और ISIS के बीच प्रभाव क्षेत्र की लड़ाई

इन सब कारणों से माली अब दुनिया के सबसे असुरक्षित देशों में गिना जाता है, खासकर विदेशी नागरिकों के लिए।

भारत सरकार की प्रतिक्रिया

माली आतंकी हमला – भारत सरकार की ओर से अब तक विदेश मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान में कहा है कि स्थिति की निगरानी की जा रही है और माली स्थित भारतीय दूतावास स्थानीय अधिकारियों के संपर्क में है।

हालांकि, परिवार और जनसामान्य की मांग है कि प्रधानमंत्री मोदी खुद इस मामले में हस्तक्षेप करें और कूटनीतिक माध्यमों से भारतीय नागरिकों को सुरक्षित वापस लाया जाए।

पीड़ित परिवार की अपील

प्रकाश चंद जोशी के परिवार का कहना है कि उन्हें इस बात का कोई अंदाज़ा नहीं था कि यह सब कुछ इतनी जल्दी हो जाएगा। उनका रो-रो कर बुरा हाल है। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा:

“हमारे पिता देश के लिए नहीं, परिवार के लिए माली गए थे। अब देश उनकी वापसी में हमारी मदद करे। हम बस चाहते हैं कि वो सही-सलामत घर आ जाएं।”

सोशल मीडिया पर उठी आवाज़

माली आतंकी हमला – इस घटना के सामने आते ही #BringBackIndians और #SavePrakashJoshi जैसे हैशटैग सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लगे। कई सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकारों ने इस मुद्दे पर सरकार का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश की है।

लोगों की मांग है कि भारत को इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाना चाहिए ताकि भविष्य में भारतीयों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

भारत के लिए सबक

इस घटना ने एक बार फिर ये सवाल खड़ा कर दिया है कि भारत सरकार को विदेशों में काम कर रहे भारतीयों की सुरक्षा को लेकर क्या ठोस नीति बनानी चाहिए?

क्या खतरनाक देशों में जाने से पहले खास चेतावनी दी जानी चाहिए?

क्या कंपनियों को ऐसे इलाकों में कामगार भेजने से रोका जाए?

क्या भारत को अपने नागरिकों के अपहरण के मामलों को अधिक गंभीरता से लेना चाहिए?

प्रकाश चंद जोशी और अन्य भारतीयों की सलामती के लिए पूरा देश एकजुट है। इस प्रकार की घटनाएं हमें यह एहसास कराती हैं कि चाहे दुनिया का कोई भी कोना हो, एक भारतीय की जान की कीमत उतनी ही है जितनी देश में किसी नागरिक की।

सरकार से यही अपेक्षा की जा रही है कि वे इस मुद्दे को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए भारतवासियों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करें।

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  • A.P.S Jhala

    मैं A.P.S JHALA, "Kahani Nights" का लेखक, हॉरर रिसर्चर और सच्चे अपराध का कहानीकार हूं। मेरा मिशन है लोगों को गहराई से रिसर्च की गई डरावनी और सच्ची घटनाएं बताना — ऐसी कहानियां जो सिर्फ पढ़ी नहीं जातीं, महसूस की जाती हैं। साथ ही हम इस ब्लॉग पर करंट न्यूज़ भी शेयर करेंगे ताकि आप स्टोरीज के साथ साथ देश विदेश की खबरों के साथ अपडेट रह सके। लेखक की लेखनी में आपको मिलेगा सच और डर का अनोखा मिश्रण। ताकि आप एक रियल हॉरर एक्सपीरियंस पा सकें।

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