मलाजपुर भूत मेला, मध्यप्रदेश के बैतूल जिले में लगने वाला भारत का सबसे रहस्यमयी तांत्रिक मेला है, जहाँ लोग ऊपरी बाधा से मुक्ति पाने के लिए आते हैं। जानिए Malajpur Bhoot Mela 2025 की पूरी जानकारी, मान्यताएं और अनुभव।

मलाजपुर भूत मेला क्या है? (What is Malajpur Bhoot Mela?)
मलाजपुर भूत मेला भारत का सबसे प्रसिद्ध और अनोखा भूतों का मेला है, जो हर साल मध्यप्रदेश के बैतूल जिले के छोटे से गांव मलाजपुर (Malajpur) में आयोजित होता है। यह मेला उन लोगों के लिए आशा की एक किरण बन चुका है जो खुद को या अपने प्रियजनों को ऊपरी बाधा, भूत-प्रेत, या तांत्रिक प्रभाव से ग्रस्त मानते हैं। यह मेला हर साल माघ पूर्णिमा से शुरू होकर वसंत पंचमी तक चलता है, और इस दौरान हजारों की संख्या में श्रद्धालु और पीड़ित लोग यहां एकत्रित होते हैं।
मलाजपुर भूत मेला मे गुरु महाराज की समाधि – भूतों से मुक्ति का केंद्र |
गुरु देव जी महाराज कौन थे?
गुरु देव जी महाराज एक सिद्ध संत थे, जिनका जीवन सेवा और अध्यात्म को समर्पित रहा। कहा जाता है कि उन्होंने अपने तप और साधना से अनेक लोगों को भूत-प्रेत बाधाओं से मुक्ति दिलाई थी। आज भी उनकी समाधि को चमत्कारी माना जाता है।मध्य प्रदेश के मलाजपुर गांव स्थित देवजी महाराज के मंदिर में हर साल एक अनोखा मेला लगता है, जिसे भूतों का मेला कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि जो लोग नकारात्मक शक्तियों, भूत-प्रेत या बुरी आत्माओं से प्रभावित होते हैं, वे इस मेले में आकर विशेष पेड़ की परिक्रमा करते हैं और अपनी परेशानियों से छुटकारा पाते हैं। यहां श्रद्धालु कपूर जलाकर अपने हाथों और मुंह में रखते हैं, जिससे बुरी ऊर्जा दूर होने का विश्वास किया जाता है।
मलाजपुर भूत मेला मे समाधि पर होने वाले अनुष्ठान :-

पीड़ित व्यक्ति समाधि पर जाकर मंत्रोच्चारण और संकल्प पूजा करता है। यहां झाड़-फूंक, हवन, और तांत्रिक अनुष्ठान किए जाते हैं। लोग गुरु महाराज से ऊपरी बाधा से मुक्ति की प्रार्थना करते हैं।
मलाजपुर भूत मेले में यहां होती है गुड़ से तौलने की अनोखी परंपरा :-
माना जाता है कि जब किसी व्यक्ति को भूत-प्रेत या नकारात्मक शक्तियों से राहत मिल जाती है, तो उसे यहां एक खास परंपरा के तहत गुड़ से तौला जाता है। इस प्रक्रिया में व्यक्ति के वजन के बराबर गुड़ चढ़ाया जाता है। हर साल इस मंदिर में बड़ी मात्रा में गुड़ एकत्र होता है, जिसे बाद में प्रसाद के रूप में भक्तों में बांट दिया जाता है। हैरानी की बात यह है कि इतने लंबे समय तक रखे जाने के बावजूद उस गुड़ में कीड़े-मक्खी या चीटियां नहीं लगतीं। इसे लोग देवजी महाराज का चमत्कार मानते हैं और गहरी श्रद्धा से जुड़ा हुआ मानते हैं।
मलाजपुर भूत मेले में क्या होता है? | Activities at Malajpur Bhoot Mela

मलाजपुर भूत मेला मे पीड़ितों की पहचान :-
कई लोग मेले में अजीब व्यवहार करते हैं – जैसे जोर-जोर से चिल्लाना, हँसना, बोलना या जमीन पर लोटना।
इन्हें स्थानीय लोग “ऊपरी साया” या “बाधित आत्माएं” मानते हैं।

मलाजपुर भूत मेले में झाड़-फूंक और उपचार
पीड़ितों पर तांत्रिकों द्वारा झाड़-फूंक, राख, नींबू, और मंत्र का उपयोग किया जाता है।
कुछ स्थानों पर विशेष धार्मिक मंत्रोच्चार कर पीड़ित के शरीर से प्रेत आत्मा को निकालने की प्रक्रिया की जाती है।
बाधा से मुक्ति की पहचान :-
ऐसा कहा जाता है कि अगर आत्मा व्यक्ति को छोड़ देती है तो वह मिट्टी पर एक गोल चक्र बनाकर शांत हो जाता है।
क्या यह मानसिक रोग है या वास्तव में ऊपरी बाधा? | Science vs Belief
वैज्ञानिक दृष्टिकोण :-
मनोविज्ञान के अनुसार, ऐसे मामलों में अधिकांश लोग मानसिक विकार जैसे:
डिसोसिएटिव आइडेंटिटी डिसऑर्डर (DID)
सिज़ोफ्रेनिया
डिप्रेशन या PTSD
से पीड़ित होते हैं। लेकिन भारतीय समाज में इन लक्षणों को अक्सर ऊपरी बाधा मान लिया जाता है।

मलाजपुर भूत मेला पारंपरिक विश्वास :-
ग्रामीण समाज में अभी भी यह मान्यता है कि जब कोई व्यक्ति अजीब व्यवहार करता है तो उस पर “साया” या “भूत” होता है।
मलाजपुर मेला उनकी आखिरी आशा बन जाता है।
मलाजपुर भूत मेला मे कैसे पहुँचें? | How to Reach Malajpur (Betul, MP)
सड़क मार्ग :-बैतूल से मलाजपुर लगभग 40 किमी दूर है। टैक्सी और बस सेवाएं उपलब्ध हैं।
रेल मार्ग :- बैतूल रेलवे स्टेशन (BET) निकटतम बड़ा स्टेशन है।
हवाई मार्ग :- भोपाल एयरपोर्ट निकटतम एयरपोर्ट है (लगभग 200 किमी)।
मलाजपुर भूत मेला में आने वाले लोगों का अनुभव | Devotee Experiences at Malajpur Ghost Fair
कई लोग इसे आखिरी उम्मीद मानकर आते हैं और उनकी मान्यता है कि यहाँ से उन्हें मानसिक शांति और आत्मा से मुक्ति मिलती है।
कुछ कहते हैं कि वर्षों से इलाज न होने वाली समस्याएं यहां एक दिन में ठीक हो गईं।
वहीं कुछ दर्शक इसे केवल लोक आस्था का प्रदर्शन मानते हैं।
मलाजपुर भूत मेले की तस्वीरें और माहौल | Visuals and Ambience
मेले में हजारों की भीड़, धुआं, मंत्रोच्चारण, और तांत्रिक क्रियाएं होती हैं।
कई लोग यहां वीडियो और फोटोग्राफी के लिए आते हैं ताकि वे इस रहस्य को दुनिया के सामने ला सकें।
विवाद और चुनौतियाँ | Controversies and Challenges
मारपीट और पार्किंग विवाद :-
2024 और 2025 में मेले के दौरान पार्किंग विवाद में मारपीट की घटनाएं सामने आईं।
मलाजपुर भूत मेला अंधविश्वास बनाम विश्वास :-
कई संगठनों ने इस मेले को अंधविश्वास का प्रचार बताया है और चेतावनी दी है कि इसमें महिलाओं और बच्चों के साथ हिंसात्मक झाड़-फूंक भी हो सकती है।
मलाजपुर भूत मेला का सामाजिक और आर्थिक प्रभाव | Social & Economic Impact of Malajpur Ghost Fair
यह मेला स्थानीय रोजगार, धार्मिक पर्यटन और होटल व्यवसाय को बढ़ावा देता है।
सरकार इसे एक धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की योजना बना रही है।
मलाजपुर भूत मेला मे प्रशासन की भूमिका | Role of Local Administration :-
मेले के दौरान प्रशासन पुलिस बल, स्वास्थ्य दल, और भीड़ नियंत्रण की व्यवस्था करता है।
2025 में मुख्यमंत्री ने मेले का दौरा कर पर्यटन और सुरक्षा को लेकर नीतियाँ घोषित कीं।

निष्कर्ष – विश्वास, रहस्य और परंपरा का संगम | Conclusion
मलाजपुर भूत मेला भारत की उस सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा है जिसमें धार्मिक आस्था, लोक परंपरा, और रहस्यमय मान्यताएं एक साथ मिलती हैं। चाहे इसे अंधविश्वास मानें या चमत्कार – यह मेला समाज में गहरी जड़ें रखता है।
अगर आप भारत की भूत-प्रेत परंपराओं, तांत्रिक मान्यताओं, और लोककथाओं में रुचि रखते हैं, तो मलाजपुर का यह मेला आपके लिए एक अनोखा अनुभव हो सकता है।
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