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डॉव हिल कुर्सियॉन्ग : भारत का सबसे भूतिया स्कूल और जंगल

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डॉव हिल कुर्सियॉन्ग पश्चिम बंगाल में स्थित विक्टोरिया बॉयज़ हाई स्कूल और उसके आसपास का जंगल भारत के सबसे भूतिया स्थानों में से एक माना जाता है। जानिए इस रहस्यमय स्थान की सच्ची डरावनी कहानियाँ और स्थानीय लोगों के अनुभव।

डॉव हिल कुर्सियॉन्ग

पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले में स्थित कुर्सियॉन्ग का डॉव हिल

एक ऐसा स्थान है, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता के साथ-साथ अपनी डरावनी कहानियों के लिए भी प्रसिद्ध है। विशेष रूप से विक्टोरिया बॉयज़ हाई स्कूल और उसके आसपास का जंगल स्थानीय लोगों और पर्यटकों के बीच कई भूतिया घटनाओं के लिए जाना जाता है।

दार्जिलिंग से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है भारत का सबसे haunted हिल स्टेशन – डॉव हिल कुर्सियॉन्ग। यह एक ऐसा स्थान है जहाँ असामान्य घटनाओं और आत्माओं की कहानियों की कोई कमी नहीं है। हिमालय की गोद में बसा यह छोटा-सा हिल स्टेशन अपनी खूबसूरत वादियों, ऑर्किड के बागानों, घने जंगलों और चाय के बागानों के लिए तो जाना ही जाता है, लेकिन इसके साथ-साथ यह जगह अपने भूतिया रास्तों, बिना सिर वाले भूत, रहस्यमय स्कूल और अनगिनत सच्ची डरावनी घटनाओं के लिए भी मशहूर है।

डॉव हिल कुर्सियॉन्ग का यह क्षेत्र भारत के उन गिने-चुने स्थानों में से एक माना जाता है, जहाँ आत्माओं की मौजूदगी आम बात है। यहाँ की ‘डेथ रोड’ हो या विक्टोरिया बॉयज़ हाई स्कूल — हर कोना मानो रहस्य और डरावने अनुभवों से भरा हुआ है। कहते हैं कि इस पहाड़ी पर अंधेरे में कुछ ऐसा है जो इंसानों को महसूस करता है… और फिर गायब हो जाता है।
कमज़ोर दिल वालों को डॉव हिल की ‘डेथ रोड’ से दूर ही रहना चाहिए। यह रहस्यमय रास्ता, डॉव हिल रोड और फॉरेस्ट ऑफिस के बीच फैला हुआ है और इसे लेकर कई खौफनाक किस्से सामने आए हैं।

1. विक्टोरिया बॉयज़ हाई स्कूल की रहस्यमय घटनाएँ

1879 में स्थापित यह स्कूल ब्रिटिश काल से ही शिक्षा का केंद्र रहा है। हालांकि, समय के साथ इसके बारे में कई डरावनी कहानियाँ सामने आई हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि स्कूल की छुट्टियों के दौरान, जब वहां कोई नहीं होता, तब भी कदमों की आवाजें, बच्चों की हँसी और फर्नीचर खिसकने की आवाजें सुनाई देती हैं। कुछ लोगों ने तो बिना सिर वाले लड़के को स्कूल की खिड़कियों से बाहर झांकते हुए भी देखा है।

पुराना बोर्डिंग स्कूल और आत्महत्याएँ :-

डॉव हिल कुर्सियॉन्ग का विक्टोरिया बॉयज़ हाई स्कूल 1800 के दशक में ब्रिटिश काल में स्थापित हुआ था। कहा जाता है कि यह एक बोर्डिंग स्कूल भी था, जहाँ छात्र सालों भर रहते थे। उस समय स्कूल में बच्चों पर कठोर अनुशासन लागू था।

स्थानीय किंवदंती के अनुसार, कुछ छात्रों ने अत्यधिक दबाव, शारीरिक दंड और मानसिक उत्पीड़न के चलते आत्महत्या कर ली थी।

कुछ रिपोर्टों में यह भी कहा गया है कि स्कूल के एक अध्यापक ने मानसिक असंतुलन के कारण एक बच्चे की हत्या कर दी थी, और फिर खुद को भी मार डाला।

2. डॉव हिल कुर्सियॉन्ग जंगल और ‘डेथ रोड’

स्कूल के पीछे फैला घना जंगल, जिसे स्थानीय लोग ‘डेथ रोड’ के नाम से जानते हैं, भी कई भूतिया घटनाओं का केंद्र है। लकड़हारे और पर्यटक अक्सर बिना सिर वाले लड़के को जंगल में चलते हुए देखते हैं, जो अचानक गायब हो जाता है। इसके अलावा, कई लोगों ने ग्रे कपड़ों में एक महिला को जंगल में भटकते हुए देखा है।

डेथ रोड’ पर जो बिना सिर वाला लड़का देखा जाता है, उसके बारे में मान्यता है कि वह एक छात्र था जिसकी निर्दयता से हत्या कर दी गई थी और उसका शव जंगल में फेंक दिया गया था।

आज भी लोग उस आत्मा को उसी रास्ते पर टहलते हुए देखते हैं — कभी सिर के साथ, तो कभी बिना सिर के — और वह अचानक हवा में विलीन हो जाता है।

कुछ पुरानी कहानियों में यह भी कहा जाता है कि स्कूल की इमारत के अंदर एक ऐसा कमरा है, जिसे वर्षों से बंद रखा गया है। लोगों का कहना है कि वहां कभी किसी बच्चे का खून बहा था, और उसके बाद से वहां अजीब सी आवाजें, फर्श पर चोट के निशान, और दीवारों से निकलती परछाइयाँ देखने को मिलती हैं।

3.डॉव हिल कुर्सियॉन्ग के स्थानीय लोगों के अनुभव

कई स्थानीय निवासियों ने बताया है कि उन्होंने जंगल में अजीब आवाजें सुनी हैं, जैसे कि किसी के चलने की, बच्चों के रोने की या महिलाओं के चीखने की। कुछ लोगों ने यह भी महसूस किया है कि कोई उन्हें देख रहा है या उनका पीछा कर रहा है।

डॉव हिल कुर्सियॉन्ग आने वाले बहुत से लोगों का कहना है कि उन्हें ऐसा लगा मानो कोई अदृश्य शक्ति लगातार उनका पीछा कर रही है या उन्हें घूर रही है। कुछ पर्यटकों ने तो यह भी बताया कि उन्हें लाल रंग की चमकती आंखें झाड़ियों के पीछे से देखती हुई नज़र आईं।

इस जंगल की फिज़ा इतनी भयानक है कि यहाँ आने के बाद कई पर्यटक मानसिक संतुलन खो बैठे हैं, और कुछ लोगों ने तो खुद की जान तक ले ली।

4. वैज्ञानिक दृष्टिकोण

हालांकि इन घटनाओं के पीछे कोई ठोस वैज्ञानिक प्रमाण नहीं हैं, लेकिन कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह सब मानव मन की कल्पना या पर्यावरणीय कारकों के कारण हो सकता है। उदाहरण के लिए, डॉव हिल कुर्सियॉन्ग घने जंगल में हवा की आवाजें, जानवरों की गतिविधियाँ और कम रोशनी के कारण भ्रम की स्थिति पैदा हो सकती है।

5. पर्यटकों के लिए सुझाव

यदि आप डॉव हिल कुर्सियॉन्ग की यात्रा करने की योजना बना रहे हैं, तो निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें:

  • डॉव हिल कुर्सियॉन्ग दिन के समय यात्रा करें और अकेले न जाएं।
  • स्थानीय लोगों की सलाह मानें और प्रतिबंधित क्षेत्रों में प्रवेश न करें।
  • यदि आप डरावनी कहानियों में विश्वास नहीं करते, तो भी स्थानीय संस्कृति और मान्यताओं का सम्मान करें।

6. निष्कर्ष

डॉव हिल कुर्सियॉन्ग एक ऐसा स्थान है, जहाँ प्राकृतिक सुंदरता और रहस्यमय कहानियाँ एक साथ मिलती हैं। चाहे आप इन भूतिया कहानियों में विश्वास करें या नहीं, यह स्थान निश्चित रूप से एक अनोखा अनुभव प्रदान करता है।

क्या आपने कभी डॉव हिल या किसी अन्य भूतिया स्थान की यात्रा की है? अपने अनुभव हमारे साथ साझा करें!

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Author

  • A.P.S Jhala

    मैं A.P.S JHALA, "Kahani Nights" का लेखक, हॉरर रिसर्चर और सच्चे अपराध का कहानीकार हूं। मेरा मिशन है लोगों को गहराई से रिसर्च की गई डरावनी और सच्ची घटनाएं बताना — ऐसी कहानियां जो सिर्फ पढ़ी नहीं जातीं, महसूस की जाती हैं। साथ ही हम इस ब्लॉग पर करंट न्यूज़ भी शेयर करेंगे ताकि आप स्टोरीज के साथ साथ देश विदेश की खबरों के साथ अपडेट रह सके। लेखक की लेखनी में आपको मिलेगा सच और डर का अनोखा मिश्रण। ताकि आप एक रियल हॉरर एक्सपीरियंस पा सकें।

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